गिरिराज धरण प्रभु तुम्हरी शरण भजन

गिरिराज धरण प्रभु तुम्हरी शरण भजन

 
गिरिराज धरण प्रभु तुम्हरी शरण लिरिक्स Giriraj Dharan Prabhu Tumari Sharan Lyrics

सपने को साकार बनाया, करके कृपा मुझे पास बुलाया ,
मुझ अनाथ को श्रीनाथ ने , देकर प्रेम सनाथ बनाया ,
अपने पतिदेव के साथ चली , मेरी नैया पार लगी ।
झाँकी करने को आज मैं , श्रीजी के द्वार चली ।
बहुत दिनों के बाद , मेंरी तकदीर खुली ,
झाँकी करने को आज , मैं श्रीजी के द्वार चली ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण
मोर चन्द्रिका शीश पे सोहे , श्याम छवि सब का मन मोहे ,
मुझे हाथ से पास बुलावे , कटी हाथ में कमल धरावे ,
मेरी नाथ नगरिया, प्रभु की बगिया, महके गली – गली,
झाँकी करने को आज , मैं श्रीजी के द्वार चली ।
बहुत दिनों के बाद
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण
जाकर सन्मुख बैठ धरूँगी , निरख – निरख छवि दरश करूँगी ,
सेवा करके श्रीनाथ की , जीवन अपना सफल करूँगी ,
माला भी मैं गूथूँगी , चुन – चुन कर कली कली ।
झाँकी करने को आज मैं , श्रीजी के द्वार चली ।
बहुत दिनों के बाद
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण 
 

भजन "Giriraj Dharan Prabhu Tumhari Sharan" #brajbhajan

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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