सपने को साकार बनाया, करके कृपा मुझे पास बुलाया , मुझ अनाथ को श्रीनाथ ने , देकर प्रेम सनाथ बनाया , अपने पतिदेव के साथ चली , मेरी नैया पार लगी । झाँकी करने को आज मैं , श्रीजी के द्वार चली ।
बहुत दिनों के बाद , मेंरी तकदीर खुली , झाँकी करने को आज , मैं श्रीजी के द्वार चली । गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण मोर चन्द्रिका शीश पे सोहे , श्याम छवि सब का मन मोहे , मुझे हाथ से पास बुलावे , कटी हाथ में कमल धरावे , मेरी नाथ नगरिया, प्रभु की बगिया, महके गली – गली, झाँकी करने को आज , मैं श्रीजी के द्वार चली ।
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
बहुत दिनों के बाद गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण जाकर सन्मुख बैठ धरूँगी , निरख – निरख छवि दरश करूँगी , सेवा करके श्रीनाथ की , जीवन अपना सफल करूँगी , माला भी मैं गूथूँगी , चुन – चुन कर कली कली । झाँकी करने को आज मैं , श्रीजी के द्वार चली । बहुत दिनों के बाद
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