जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी श्री महालक्ष्मीची आरती
हमारा में सबसे बड़ा त्योहार शुरू हो गया है, दीपावली के साथ ही माता लक्ष्मी
पूजन का। शुक्रवार को धनतेरस के बाद, और शनिवार को नरका चतुर्दशी या चोति
दिवाली के बाद, रविवार को लक्ष्मी पूजा (लक्ष्मी पूजन) करने के बाद राष्ट्र
दीवाली का पवित्र त्योंहार है जो जहाँ एक और बुराई पर अच्छाई की विजय का सूचक
है, भगवान श्री राम जी के अयोध्या में लौटने का प्रतीकात्मक महत्त्व रखता है
वहीँ पर माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने का अवसर भी है।
माता लक्ष्मी
जी आशीर्वाद से आपके घर में वैभव धन सम्पदा आती है वहीँ जीनव के हर
क्षेत्र में सफलता मिलती है। लक्ष्मी पूजा के दिन जहाँ कारीगर अपने उपकरणों की
पूजा करते हैं वहीँ पर व्यापारी वर्ग अपने खाता बही की पूजा करते हैं और नए
खाते खौलते हैं। हर व्यक्ति दीपावली के रोज एक नई आशा, सुख, आनंद और समृद्धि की
किरण में पूजा करता है। कोई भी पूजा आरती के बिना समाप्त नहीं हो सकती है, अंत
में एक प्रथा का अनुष्ठान किया जाता है। इसलिए, हमारे पास हिंदी और अंग्रेजी
में आपके लिए लक्ष्मी आरती के बोल हैं। आप इस प्रकार धन की देवी माँ लक्ष्मी को
अर्घ्य देकर पूजा का समापन करें आपको अवश्य ही माता जी का आशीर्वाद प्राप्त
होगा।
श्री महालक्ष्मीची आरती जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी
व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय देवी...॥
जय देवी जय
देवी जय महालक्ष वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय
देवी...॥
करवीरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता। पुरहरवरदायिनी
मुरहरप्रियकान्ता। कमलाकारें जठरी जन्मविला धाता। सहस्त्रवदनी भूधर न
पुरे गुण गातां॥
जय देवी जय देवी...॥ जय देवी जय देवी जय
महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय
देवी...॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू
स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय देवी...॥
जय देवी जय देवी...॥ जय
देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय
देवी जय देवी...॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी
व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय देवी...॥
तारा शक्ति
अगम्या शिवभजकां गौरी। सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी। गायत्री
निजबीजा निगमागम सारी। प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी॥
जय देवी
जय देवी...॥ जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू
स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय देवी...॥ जय देवी जय देवी जय
महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय
देवी...॥
जय देवी जय देवी...॥ जय देवी जय देवी जय
महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय
देवी...॥ जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू
स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय देवी...॥
जय देवी जय
देवी...॥ जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू
स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय देवी...॥ जय देवी जय देवी जय
महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥ जय देवी जय
देवी...॥
जयदेवी जयदेवी श्रीलक्ष्मीमाते । प्रसन्न होऊनि आतां वर दे आम्हांते।। धृ.
।। श्रीविष्णुकांते तव विश्वावरि सत्ता । स्थिरचर दौलत देसी लक्ष्मीव्रत
करितां ।। १ ।। जननी तुजऐसी या नाही त्रिभुवनीं । सुरवर वंदिती मस्तक
ठेवुनि तव चरणी ।। २ ।। कृपाप्रसादें तुझिया लाभे सुखशांति ।
चिंताक्लेशहि जाती नुरते आपत्ती ।। ३ ।। वैभव ऐश्वर्याचें आणि अपार
द्रव्याचें । देसी दान दयाळे सदैव सौख्याचे ।। ४ ।। यास्तव मिलिंदमाधव
आरती ओवाळी । प्रेमें भक्तिभावें लोटांगण घाली ।। ५ ।। जयदेवी जयदेवी
श्रीलक्ष्मीमाते ।।
॥ Shri Mahalakshmichi Aarti ॥ Jai Devi Jai Devi Jai
Mahalakshmi। Vasasi Vyapakarupe Tu Sthulasukshmi॥ Karvirpurvasini
Survarmunimata।
Puraharavaradayini Muraharapriyakanta। Kamalakare
Jathari Janmavila Dhata। Sahastravadani Bhudhara Na Pure Guna
Gata॥ Jai Devi Jai Devi...॥ Matulinga Gada Khetaka
Ravikirani। Jhalake Hatakavati Piyusharasapani। Manikarasana
Surangavasana Mriganayani। Shashikaravadana Rajasa Madanachi
Janani॥ Jai Devi Jai Devi...॥ Tara Shakti Agamya Shivabhajaka
Gauri। Sankhya Mhanati Prakriti Nirguna Nirdhari। Gayatri
Nijabija Nigamagama Sari। Pragate Padmavati Nijadharmachari॥ Jai
Devi Jai Devi...॥ Amritabharite Sarite Aghadurite Vari। Mari
Durghata Asura Bhavadustara Tari। Vari Mayapatala Pranamata
Parivari। He Rupa Chidrupa Davi Nirdhari॥ Jai Devi Jai
Devi...॥ Chaturanane Kushchita Karmanchya Oli। Lihilya Asatila
Mate Majhe Nijabhali। Pusoni Charanatali Padasumane Kshali। Mukteshwara
Nagara Kshirasagarabali॥ Jai Devi Jai Devi...॥
Mata Laxmi Aarti in Hindi | Om Jai Laxmi Mata | Diwali Special Lakshmi Puja Aarti
आरती श्री लक्ष्मी जी
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥
Aaratee Shree Lakshmee Jee Om Jay Lakshmee Maata, Maiya Jay Lakshmee Maata. Tumako Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhaata. Om Jay Lakshmee Maata.
Uma, Rama, Brahmaanee, Tum Hee Jag-maata. Soory-chandrama Dhyaavat, Naarad Rshi Gaata. Om Jay Lakshmee Maata.
Durga Rup Niranjanee, Sukh Sampatti Daata. Jo Koee Tumako Dhyaavat, Rddhi-siddhi Dhan Paata. Om Jay Lakshmee Maata.
Tum Paataal-nivaasini, Tum Hee Shubhadaata. Karm-prabhaav-prakaashinee, Bhavanidhi Kee Traata. Om Jay Lakshmee Maata.
Jis Ghar Mein Tum Rahateen, Sab Sadgun Aata. Sab Sambhav Ho Jaata, Man Nahin Ghabaraata. Om Jay Lakshmee Maata.
Tum Bin Yagy Na Hote, Vastr Na Koee Paata. Khaan-paan Ka Vaibhav, Sab Tumase Aata. Om Jay Lakshmee Maata.
Shubh-gun Mandir Sundar, Ksheerodadhi-jaata. Ratn Chaturdash Tum Bin, Koee Nahin Paata. Om Jay Lakshmee Maata.
Mahaalakshmeejee Kee Aaratee, Jo Koee Jan Gaata. Ur Aanand Samaata, Paap Utar Jaata. Om Jay Lakshmee Maata.
Author - Saroj Jangir
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