दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनिपुत्र पवनसुत नामा ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचित केसा ॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥
संकर सुवन केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बंदन ॥
विद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥
सूक्श्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचंद्र के काज सँवारे ॥
लाय सजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना । लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्र जोजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥
दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥
राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रच्छक काहू को डर ना ॥
आपन तेज संहारो आपै । तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ॥
नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥
सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु संत के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अंत काल रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥
और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेई सर्ब सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ॥ जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरु देव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ॥
दोहा
पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥
आरती
मंगल मूरती मारुत नंदन
सकल अमंगल मूल निकंदन
पवनतनय संतन हितकारी
हृदय बिराजत अवध बिहारी
मातु पिता गुरू गणपति सारद
शिव समेट शंभू शुक नारद
चरन कमल बिन्धौ सब काहु
देहु रामपद नेहु निबाहु
जै जै जै हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरु देव की नाईं
बंधन राम लखन वैदेही
यह तुलसी के परम सनेही
॥ सियावर रामचंद्रजी की जय ॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनिपुत्र पवनसुत नामा ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचित केसा ॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥
संकर सुवन केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बंदन ॥
विद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥
सूक्श्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचंद्र के काज सँवारे ॥
लाय सजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना । लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्र जोजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥
दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥
राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रच्छक काहू को डर ना ॥
आपन तेज संहारो आपै । तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ॥
नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥
सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु संत के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अंत काल रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥
और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेई सर्ब सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा ॥ जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरु देव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ॥
दोहा
पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥
आरती
मंगल मूरती मारुत नंदन
सकल अमंगल मूल निकंदन
पवनतनय संतन हितकारी
हृदय बिराजत अवध बिहारी
मातु पिता गुरू गणपति सारद
शिव समेट शंभू शुक नारद
चरन कमल बिन्धौ सब काहु
देहु रामपद नेहु निबाहु
जै जै जै हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरु देव की नाईं
बंधन राम लखन वैदेही
यह तुलसी के परम सनेही
॥ सियावर रामचंद्रजी की जय ॥
मंगलवार सुबह स्पेशल | श्री हनुमान चालीसा | हनुमान जी की आरती | हनुमान भजन
doha
shreeguru charan saroj raj nij manu mukuru sudhaari .
baranoon raghubar bimal jasu jo daayaku phal chaari .
buddhiheen tanu jaanike sumiraun pavanakumaar .
bal buddhi bidya dehu mohin harahu kales bikaar .
chaupaee
jay hanumaan gyaan gun saagar . jay kapees tihun lok ujaagar .
raam doot atulit bal dhaama . anjaniputr pavanasut naama .
mahaabeer bikram bajarangee . kumati nivaar sumati ke sangee .
kanchan baran biraaj subesa . kaanan kundal kunchit kesa .
haath bajr au dhvaja biraajai . kaandhe moonj janeoo saajai .
sankar suvan kesareenandan . tej prataap maha jag bandan .
vidyaavaan gunee ati chaatur . raam kaaj karibe ko aatur .
prabhu charitr sunibe ko rasiya . raam lakhan seeta man basiya .
sookshm roop dhari siyahin dikhaava . bikat roop dhari lank jaraava .
bheem roop dhari asur sanhaare . raamachandr ke kaaj sanvaare .
laay sajeevan lakhan jiyaaye . shreeraghubeer harashi ur laaye .
raghupati keenhee bahut badaee . tum mam priy bharatahi sam bhaee .
sahas badan tumharo jas gaavain . as kahi shreepati kanth lagaavain .
sanakaadik brahmaadi muneesa . naarad saarad sahit aheesa .
jam kuber digapaal jahaan te . kabi kobid kahi sake kahaan te .
tum upakaar sugreevahin keenha . raam milaay raaj pad deenha .
tumharo mantr bibheeshan maana . lankesvar bhe sab jag jaana .
jug sahasr jojan par bhaanoo . leelyo taahi madhur phal jaanoo .
prabhu mudrika meli mukh maaheen . jaladhi laanghi gaye acharaj naaheen .
durgam kaaj jagat ke jete . sugam anugrah tumhare tete .
raam duaare tum rakhavaare . hot na aagya binu paisaare .
sab sukh lahai tumhaaree sarana . tum rachchhak kaahoo ko dar na .
aapan tej sanhaaro aapai . teenon lok haank ten kaanpai .
bhoot pisaach nikat nahin aavai . mahaabeer jab naam sunaavai .
naasai rog harai sab peera . japat nirantar hanumat beera .
sankat ten hanumaan chhudaavai . man kram bachan dhyaan jo laavai .
sab par raam tapasvee raaja . tin ke kaaj sakal tum saaja .
aur manorath jo koee laavai . soee amit jeevan phal paavai .
chaaron jug parataap tumhaara . hai parasiddh jagat ujiyaara .
saadhu sant ke tum rakhavaare . asur nikandan raam dulaare .
asht siddhi nau nidhi ke daata . as bar deen jaanakee maata .
raam rasaayan tumhare paasa . sada raho raghupati ke daasa .
tumhare bhajan raam ko paavai . janam janam ke dukh bisaraavai .
ant kaal raghubar pur jaee . jahaan janm haribhakt kahaee .
aur devata chitt na dharee . hanumat seee sarb sukh karee .
sankat katai mitai sab peera . jo sumirai hanumat balabeera .
jai jai jai hanumaan gosaeen . krpa karahu guru dev kee naeen .
jo sat baar paath kar koee . chhootahi bandi maha sukh hoee .
jo yah padhai hanumaan chaleesa . hoy siddhi saakhee gaureesa .
tulaseedaas sada hari chera . keejai naath hrday manh dera .
doha
pavanatanay sankat haran mangal moorati roop .
raam lakhan seeta sahit hrday basahu sur bhoop .
aaratee
mangal mooratee maarut nandan
sakal amangal mool nikandan
pavanatanay santan hitakaaree
hrday biraajat avadh bihaaree
maatu pita guroo ganapati saarad
shiv samet shambhoo shuk naarad
charan kamal bindhau sab kaahu
dehu raamapad nehu nibaahu
jai jai jai hanumaan gosaeen
krpa karahu guru dev kee naeen
bandhan raam lakhan vaidehee
yah tulasee ke param sanehee
siyaavar raamachandrajee kee jay .
shreeguru charan saroj raj nij manu mukuru sudhaari .
baranoon raghubar bimal jasu jo daayaku phal chaari .
buddhiheen tanu jaanike sumiraun pavanakumaar .
bal buddhi bidya dehu mohin harahu kales bikaar .
chaupaee
jay hanumaan gyaan gun saagar . jay kapees tihun lok ujaagar .
raam doot atulit bal dhaama . anjaniputr pavanasut naama .
mahaabeer bikram bajarangee . kumati nivaar sumati ke sangee .
kanchan baran biraaj subesa . kaanan kundal kunchit kesa .
haath bajr au dhvaja biraajai . kaandhe moonj janeoo saajai .
sankar suvan kesareenandan . tej prataap maha jag bandan .
vidyaavaan gunee ati chaatur . raam kaaj karibe ko aatur .
prabhu charitr sunibe ko rasiya . raam lakhan seeta man basiya .
sookshm roop dhari siyahin dikhaava . bikat roop dhari lank jaraava .
bheem roop dhari asur sanhaare . raamachandr ke kaaj sanvaare .
laay sajeevan lakhan jiyaaye . shreeraghubeer harashi ur laaye .
raghupati keenhee bahut badaee . tum mam priy bharatahi sam bhaee .
sahas badan tumharo jas gaavain . as kahi shreepati kanth lagaavain .
sanakaadik brahmaadi muneesa . naarad saarad sahit aheesa .
jam kuber digapaal jahaan te . kabi kobid kahi sake kahaan te .
tum upakaar sugreevahin keenha . raam milaay raaj pad deenha .
tumharo mantr bibheeshan maana . lankesvar bhe sab jag jaana .
jug sahasr jojan par bhaanoo . leelyo taahi madhur phal jaanoo .
prabhu mudrika meli mukh maaheen . jaladhi laanghi gaye acharaj naaheen .
durgam kaaj jagat ke jete . sugam anugrah tumhare tete .
raam duaare tum rakhavaare . hot na aagya binu paisaare .
sab sukh lahai tumhaaree sarana . tum rachchhak kaahoo ko dar na .
aapan tej sanhaaro aapai . teenon lok haank ten kaanpai .
bhoot pisaach nikat nahin aavai . mahaabeer jab naam sunaavai .
naasai rog harai sab peera . japat nirantar hanumat beera .
sankat ten hanumaan chhudaavai . man kram bachan dhyaan jo laavai .
sab par raam tapasvee raaja . tin ke kaaj sakal tum saaja .
aur manorath jo koee laavai . soee amit jeevan phal paavai .
chaaron jug parataap tumhaara . hai parasiddh jagat ujiyaara .
saadhu sant ke tum rakhavaare . asur nikandan raam dulaare .
asht siddhi nau nidhi ke daata . as bar deen jaanakee maata .
raam rasaayan tumhare paasa . sada raho raghupati ke daasa .
tumhare bhajan raam ko paavai . janam janam ke dukh bisaraavai .
ant kaal raghubar pur jaee . jahaan janm haribhakt kahaee .
aur devata chitt na dharee . hanumat seee sarb sukh karee .
sankat katai mitai sab peera . jo sumirai hanumat balabeera .
jai jai jai hanumaan gosaeen . krpa karahu guru dev kee naeen .
jo sat baar paath kar koee . chhootahi bandi maha sukh hoee .
jo yah padhai hanumaan chaleesa . hoy siddhi saakhee gaureesa .
tulaseedaas sada hari chera . keejai naath hrday manh dera .
doha
pavanatanay sankat haran mangal moorati roop .
raam lakhan seeta sahit hrday basahu sur bhoop .
aaratee
mangal mooratee maarut nandan
sakal amangal mool nikandan
pavanatanay santan hitakaaree
hrday biraajat avadh bihaaree
maatu pita guroo ganapati saarad
shiv samet shambhoo shuk naarad
charan kamal bindhau sab kaahu
dehu raamapad nehu nibaahu
jai jai jai hanumaan gosaeen
krpa karahu guru dev kee naeen
bandhan raam lakhan vaidehee
yah tulasee ke param sanehee
siyaavar raamachandrajee kee jay .
Jai hanuman gyan gun saagar
Jai kapis tihun lok ujaagar
Ram doot atulit bal dhaama
Anjani-putra pavan sut naama
Jai hanuman gyan gun saagar
Jai kapis tihun lok ujaagar
Ram doot atulit bal dhaama
Anjani-putra pavan sut naama
Shri guru charan saroj raj nij mane mukure sudhaari
Varnao raghuvar vimal jasu jo daayaku phal chaari
Budhi hin tanu janike sumirau pavan kumaram
Bal budhi vidya dehu mohe harahu kalesavikaar
Mahavir vikram bajrangi
Kumati nivaar sumati ke sangi
Kanchan varan viraaj subesa
Kaanan kundal kunchit kesaa
Haath vajra aur dhuvaje viraaje
Kandhe moonj janehu saaje
Shankar suvan kesri nandan
Tej prataap maha jag vandan
Vidyavaan guni ati chaatur
Raam kaaj karibe ko aatur
Prabhu charitra sunibe ko rasiya
Raam lakhan sita man basiya
Sukshma roop dhari siyahi dikhaava
Vikat roop dhari lanka jalaava
Bhima roop dhari asur sanghaare
Ramachandra ke kaaj sanvaare
Laaye sanjivan lakhan jiyaaye
Shri raghuvir harashi ur laaye
Raghupati kinhi bahut badhaayi
Tum mam priye bharat-hi sam bhaai
Sahas badan tumharo yash gaave
As kahi shripati kanth lagaave
Sankadik brahmadi muneesa
Naarad saarad sahit aheesa
Yam kuber digpal jahan te
Kavi kovid kahi sake kahan te
Tum upkaar sugreevahin keenha
Ram milaay rajpad deenha
Tumharo mantra vibheeshan maana
Lankeshwar bhay sub jag jaana
Yug sahastra jo jan par bhaanu
Leelyo tahi madhur phal jaanu
Prabhu mudrika meli mukh maahee
Jaladhi langhi gaye achraj naahee
Durgaam kaaj jagat ke jete
Sugam anugraha tumhre tete
Ram dware tum rakhvaare
Hoat na agya binu paisare
Sub sukh lahai tumhari sarna
Tum rakshak kaahu ko darna
Aapan tej samhaaro aapai
Teenhon lok haank te kanpai
Bhoot pisaach nikat nahin aavai
Mahaavir jab naam sunavai
Naase rog harai sab peera
Japat nirantar hanumant beera
Sankat se hanuman chudavai
Mann karam vachan dyan jo lavai
Sab par raam tapasvee raaja
Tinke kaaj sakal tum saaja
Aur manorath jo koi lavai
Sohi amit jeevan phal pavai
Charon yug partap tumhaara
Hai persidh jagat ujiyaara
Saadhu sant ke tum rakhwaare
Asur nikandan ram dulhaare
Ashta sidhi nav nidhi ke dhaata
Us var deen janki maata
Raam rasaayan tumhare paasa
Sada raho raghupati ke daasa
Tumhare bhajan raam ko pavai
Janam janam ke dukh bisravai
Anth kaal raghuvir pur jayee
Jahaan janam hari-bakht kahayee
Aur devta chit na dharehi
Hanumanth se hi sarve sukh karehi
Sankat kate mite sab peera
Jo sumirai hanumat balbeera
Jai jai jai hanuman gosahin
Kripa karahu gurudev ki nyahin
Jo sat baar paath kare koyi
Chutehi bandhi maha sukh hoyi
Jo yah padhe hanuman chalisa
Hoye siddhi sakhi gaureesa
Tulsidaas sada hari chera
Keejai das hrdaye mein dera
Pavantnayi sankat harana mangal murti roopa
Ram lakhan sita sahita hrdaye basahu sur bhoopa
Jai kapis tihun lok ujaagar
Ram doot atulit bal dhaama
Anjani-putra pavan sut naama
Jai hanuman gyan gun saagar
Jai kapis tihun lok ujaagar
Ram doot atulit bal dhaama
Anjani-putra pavan sut naama
Shri guru charan saroj raj nij mane mukure sudhaari
Varnao raghuvar vimal jasu jo daayaku phal chaari
Budhi hin tanu janike sumirau pavan kumaram
Bal budhi vidya dehu mohe harahu kalesavikaar
Mahavir vikram bajrangi
Kumati nivaar sumati ke sangi
Kanchan varan viraaj subesa
Kaanan kundal kunchit kesaa
Haath vajra aur dhuvaje viraaje
Kandhe moonj janehu saaje
Shankar suvan kesri nandan
Tej prataap maha jag vandan
Vidyavaan guni ati chaatur
Raam kaaj karibe ko aatur
Prabhu charitra sunibe ko rasiya
Raam lakhan sita man basiya
Sukshma roop dhari siyahi dikhaava
Vikat roop dhari lanka jalaava
Bhima roop dhari asur sanghaare
Ramachandra ke kaaj sanvaare
Laaye sanjivan lakhan jiyaaye
Shri raghuvir harashi ur laaye
Raghupati kinhi bahut badhaayi
Tum mam priye bharat-hi sam bhaai
Sahas badan tumharo yash gaave
As kahi shripati kanth lagaave
Sankadik brahmadi muneesa
Naarad saarad sahit aheesa
Yam kuber digpal jahan te
Kavi kovid kahi sake kahan te
Tum upkaar sugreevahin keenha
Ram milaay rajpad deenha
Tumharo mantra vibheeshan maana
Lankeshwar bhay sub jag jaana
Yug sahastra jo jan par bhaanu
Leelyo tahi madhur phal jaanu
Prabhu mudrika meli mukh maahee
Jaladhi langhi gaye achraj naahee
Durgaam kaaj jagat ke jete
Sugam anugraha tumhre tete
Ram dware tum rakhvaare
Hoat na agya binu paisare
Sub sukh lahai tumhari sarna
Tum rakshak kaahu ko darna
Aapan tej samhaaro aapai
Teenhon lok haank te kanpai
Bhoot pisaach nikat nahin aavai
Mahaavir jab naam sunavai
Naase rog harai sab peera
Japat nirantar hanumant beera
Sankat se hanuman chudavai
Mann karam vachan dyan jo lavai
Sab par raam tapasvee raaja
Tinke kaaj sakal tum saaja
Aur manorath jo koi lavai
Sohi amit jeevan phal pavai
Charon yug partap tumhaara
Hai persidh jagat ujiyaara
Saadhu sant ke tum rakhwaare
Asur nikandan ram dulhaare
Ashta sidhi nav nidhi ke dhaata
Us var deen janki maata
Raam rasaayan tumhare paasa
Sada raho raghupati ke daasa
Tumhare bhajan raam ko pavai
Janam janam ke dukh bisravai
Anth kaal raghuvir pur jayee
Jahaan janam hari-bakht kahayee
Aur devta chit na dharehi
Hanumanth se hi sarve sukh karehi
Sankat kate mite sab peera
Jo sumirai hanumat balbeera
Jai jai jai hanuman gosahin
Kripa karahu gurudev ki nyahin
Jo sat baar paath kare koyi
Chutehi bandhi maha sukh hoyi
Jo yah padhe hanuman chalisa
Hoye siddhi sakhi gaureesa
Tulsidaas sada hari chera
Keejai das hrdaye mein dera
Pavantnayi sankat harana mangal murti roopa
Ram lakhan sita sahita hrdaye basahu sur bhoopa
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं