खाटू जैसा दरबार
जिंदगी क्या है और ख़ुशी क्या है,
चांदनी क्या है और रौशनी क्या है,
दिल से मांग से लक्खा श्याम के दर पर कमी क्या है,
थाने मिलना नहीं ते ढूंढो भले चारो और जगत में जा,
खाटू जैसा दरबार,
घर परिवार का खरचा चले भगता ने हाथो हाथ परचा मिले,
शहर शहर में आकि चर्चा मिले,
मांग लो मांग लो जो भी है करता,
खाटू जैसा दरबार,
नरसी को बात लयातो मिलो धने के गया घर जरा तो मिलो,
द्रोपती पुकारी तो आ तो मिलो खायो खीचड़ ले चिटकायो,
खाटू जैसा दरबार,
महिमा मैं श्याम थी गाता रहा हे बुलाता रहो और मैं आता रवा,
भर भर के झोली ले जाता रहा थारे दर पे नहीं इंकार,
खाटू जैसा दरबार
चांदनी क्या है और रौशनी क्या है,
दिल से मांग से लक्खा श्याम के दर पर कमी क्या है,
थाने मिलना नहीं ते ढूंढो भले चारो और जगत में जा,
खाटू जैसा दरबार,
घर परिवार का खरचा चले भगता ने हाथो हाथ परचा मिले,
शहर शहर में आकि चर्चा मिले,
मांग लो मांग लो जो भी है करता,
खाटू जैसा दरबार,
नरसी को बात लयातो मिलो धने के गया घर जरा तो मिलो,
द्रोपती पुकारी तो आ तो मिलो खायो खीचड़ ले चिटकायो,
खाटू जैसा दरबार,
महिमा मैं श्याम थी गाता रहा हे बुलाता रहो और मैं आता रवा,
भर भर के झोली ले जाता रहा थारे दर पे नहीं इंकार,
खाटू जैसा दरबार
आपकी सुबह बना देगा ये भजन खाटू जैसा दरबार - Lakhbir Singh Lakha "Khatu Jaisa Darbaar
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Author - Saroj Jangir
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