मन लागो मेरो यार फ़कीरी में लिरिक्स Man Lago Mero Yar Fakiri Me Lyrics
तिल भर मछली खाई के कोटि करे गौ दान
काशी में करवट ले मरे, तो भी नरक निदान
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
मन लागो मेरो यार गरीबी में
जो सुख पायो राम भजन में
वो सुख नाहीं अमीरी में
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
हाथ में तुंबा बगल में सोटा
चारों दिशा जागीरी में
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
प्रेम नगर में रहनी हमारी
भली बनी आई सबूरी में
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
खिर यह तन ख़ाक मिलेगा
क्यों फिरे मगरूरी में?
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
कहें कबीर सुनो भाई साधो
साहिब मिलेगा सबूरी में
काशी में करवट ले मरे, तो भी नरक निदान
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
मन लागो मेरो यार गरीबी में
जो सुख पायो राम भजन में
वो सुख नाहीं अमीरी में
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
हाथ में तुंबा बगल में सोटा
चारों दिशा जागीरी में
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
प्रेम नगर में रहनी हमारी
भली बनी आई सबूरी में
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
खिर यह तन ख़ाक मिलेगा
क्यों फिरे मगरूरी में?
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
कहें कबीर सुनो भाई साधो
साहिब मिलेगा सबूरी में
भजन का हिंदी अर्थ
पहला छंदतिल भर मछली खाई के, कोटि करे गौ दान
काशी में करवट ले मरे, तो भी नरक निदान
अर्थ:
थोड़ा सा मछली खाकर, बहुत सारे गायों का दान करने से कोई फायदा नहीं होता है। यदि कोई काशी में मर जाता है, तो भी उसे नरक मिलता है।
दूसरा छंद
मन लागो मेरो यार फ़कीरी में
मन लागो मेरो यार गरीबी में
अर्थ:
हे मेरे प्रिय मित्र, फकीरी में मन लगाओ। गरीबी में मन लगाओ।
तीसरा छंद
जो सुख पायो राम भजन में
वो सुख नाहीं अमीरी में
अर्थ:
जो सुख भगवान राम के भजन में मिलता है, वह सुख धन-दौलत में नहीं मिलता है।
चौथा छंद
हाथ में तुंबा बगल में सोटा
चारों दिशा जागीरी में
अर्थ:
फकीर के हाथ में तुंबा होता है और बगल में सोटा होता है। चारों दिशाओं में उसकी जागीरी होती है।
पांचवा छंद
प्रेम नगर में रहनी हमारी
भली बनी आई सबूरी में
अर्थ:
हमारा प्रेम नगर में रहना है। सबूरी से काम चलना चाहिए।
छठा छंद
खिर यह तन ख़ाक मिलेगा
क्यों फिरे मगरूरी में?
अर्थ:
यह शरीर एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा। फिर क्यों घमंड में घूमते हो?
सातवा छंद
कहें कबीर सुनो भाई साधो
साहिब मिलेगा सबूरी में
अर्थ:
कबीर कहते हैं, हे साधुओं, सबूरी से काम करो। भगवान तुम्हारे पास जरूर आएंगे।
भजन का संदेश
यह भजन हमें फकीरी और गरीबी का महत्व बताता है। कबीरदास जी कहते हैं कि धन-दौलत और भौतिक सुखों में कोई मोक्ष नहीं है। केवल भगवान राम के भजन में ही सच्च्चा सुख मिलता है। इसलिए हमें सबूरी से काम करना चाहिए और भगवान के भजन में मन लगाना चाहिए।
इस भजन के माध्यम से कबीरदास जी हमें यह भी संदेश देते हैं कि हमें घमंड छोड़ देना चाहिए। क्योंकि यह शरीर एक दिन नष्ट हो जाएगा। इसलिए हमें केवल आत्मिक सुख की प्राप्ति पर ध्यान देना चाहिए।
Kaluram Bamaniya Sings 'Mann Laago Mero Yaar Fakiri Mein' - Luniyakhedi, Malwa, 2006
Til bhar machhli khaai ke koti kare gau daan
Kashi mein karvat le mare, to bhi narak nidaan
Mann laago mero yaar fakiri mein!
Mann laago mero yaar garibi mein!
Jo sukh paayo Raam bhajan mein
Vo sukh naahin ameeri mein
Mann laago mero yaar fakiri mein!
Haath mein tumba bagal mein sota
Chaaron disha jaageeri mein
Mann laago mero yaar fakiri mein!
Prem nagar mein rehni hamaari
Bhali bani aayi saboori mein
Mann laago mero yaar fakiri mein!
Aakhir yeh tan khaak milega
Kyon phire magroori mein
Mann laago mero yaar fakiri mein!
Kahein Kabir suno bhaai saadho
Saahib milega saboori mein
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