यूँ ही नहीं खाटू में दीनो का मेला लगता है लिरिक्स Yu Hi Nahi Khatu Me Deeno Ka Mela Lyrics

यूँ ही नहीं खाटू में दीनो का मेला लगता है लिरिक्स Yu Hi Nahi Khatu Me Deeno Ka Mela Lyrics

 
यूँ ही नहीं खाटू में दीनो का मेला लगता है लिरिक्स Yu Hi Nahi Khatu Me Deeno Ka Mela Lyrics

यूँ ही नहीं ऐसे खाटू में,
दीनों का मेला लगता है,
जग छोड़े जिसे मेरा बाबा उसे,
पलकों पर बैठाये रखता है,
यूँ ही नहीं ऐसे खाटू में,
खाटू में, खाटू में, खाटू में,

हर सवालों को मिलता, जवाब अपना,
आँखें दर पर संजोती है, ख्वाब अपना,
शब्दों में श्याम वर्णन बयां क्या करू,
इनकी करुणा तो है, कल्पना से परे,
अंधकार को भी दर पे आके मिलती रौशनी,
हारो बेचारों पर हर दम ही,
मेरा श्याम निगाहें, रखता है,
जग छोड़े जिसे मेरा बाबा उसे,
पलकों पर बैठाये रखता है,
यूँ ही नहीं ऐसे खाटू में,
खाटू में, खाटू में, खाटू में,

न्याय होता ये सच्ची अदालत है,
दीनों की श्याम करता हिफाजत है,
सच्चे भावों भरी गर इबादत है,
पल में दुःख गम से मिलती जमानत है,
आंसुओं को मिलती यहाँ,
खुशियों से भरी हंसी हो,
सोता नहीं वो नसीबा जो,
इनकी कृपा से जगता है,

जग छोड़े जिसे मेरा बाबा उसे,
पलकों पर बैठाये रखता है,
यूँ ही नहीं ऐसे खाटू में,
खाटू में, खाटू में, खाटू में,

उसकी उड़ाने क्या कोई रोके,
जिसको उड़ाए श्याम के झौके,
जिसको उड़ाए श्याम के झौके,
जग की जरुरत उसको नहीं है,
रहता है जो मेरे श्याम का होके,
गिरता नहीं फिर से गोलू जो,
बाबा के हाथों सम्भलता है,

जग छोड़े जिसे मेरा बाबा उसे,
पलकों पर बैठाये रखता है,
यूँ ही नहीं ऐसे खाटू में,
खाटू में, खाटू में, खाटू में, 
 

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