अग्निपथ हरिवंश राय बच्चन लिरिक्स Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan Lyrics

अग्निपथ हरिवंश राय बच्चन लिरिक्स Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan Lyrics Hindi Poems Lyrics

 
अग्निपथ हरिवंश राय बच्चन लिरिक्स Agnipath Poem By Harivansh Rai Bachchan Lyrics

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
~ हरिवंशराय बच्चन


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