बता मुझे ओ जहाँ के मालिक भजन
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
तेरे समंदर में क्या कमीं थी, की आदमी को रुला रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
श्रेणी : Devotional Bhajan
बता मुझे ओ जहाँ के मालिक भजन
मालिक मैं पूछता हूँ, मुझे तू जवाब दे,
बहते हैं क्यों गरीब के, जवाब दे,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
तेरे समंदर में क्या कमीं थी, की आदमी को रुला रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
कभी हँसाए, कभी रुला दे, ये खेल कैसा है तू बता दे,
कभी हँसाए, कभी रुला दे, ये खेल कैसा है तू बता दे,
जिसे बनाया था अपने हाथों उसी को अब क्यों मिटा रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
वो खुद ही गम से बुझा बुझा है, तेरा फिर इस में कमाल क्या है,
वो खुद ही गम से बुझा बुझा है, तेरा फिर इस में कमाल क्या है,
तेरे एक दीपक की राह में, हजारों तू तूफ़ान उठा रहा है ,
तेरे समंदर में क्या कमीं थी, की आदमी को रुला रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
किसी को रोटी ना इक बखत की, किसी को दी दौलत चमकती,
किसी को रोटी ना इक बखत की, किसी को दी दौलत चमकती,
कोई बनाया महलो का राजा, कोई हाथों से सिर छुपा रहा है,
तेरे समंदर में क्या कमीं थी, की आदमी को रुला रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
बहते हैं क्यों गरीब के, जवाब दे,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
तेरे समंदर में क्या कमीं थी, की आदमी को रुला रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
कभी हँसाए, कभी रुला दे, ये खेल कैसा है तू बता दे,
कभी हँसाए, कभी रुला दे, ये खेल कैसा है तू बता दे,
जिसे बनाया था अपने हाथों उसी को अब क्यों मिटा रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
वो खुद ही गम से बुझा बुझा है, तेरा फिर इस में कमाल क्या है,
वो खुद ही गम से बुझा बुझा है, तेरा फिर इस में कमाल क्या है,
तेरे एक दीपक की राह में, हजारों तू तूफ़ान उठा रहा है ,
तेरे समंदर में क्या कमीं थी, की आदमी को रुला रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
किसी को रोटी ना इक बखत की, किसी को दी दौलत चमकती,
किसी को रोटी ना इक बखत की, किसी को दी दौलत चमकती,
कोई बनाया महलो का राजा, कोई हाथों से सिर छुपा रहा है,
तेरे समंदर में क्या कमीं थी, की आदमी को रुला रहा है,
बता मुझे ओ, जहाँ के मालिक, ये क्या नजारे दिखा रहा है,
Maalik Main Puchhata Hun, Mujhe Tu Javaab De,
Bahate Hain Kyon Garib Ke, Javaab De,
Bata Mujhe O, Jahaan Ke Maalik, Ye Kya Najaare Dikha Raha Hai,
Tere Samandar Mein Kya Kamin Thi, Ki Aadami Ko Rula Raha Hai,
Bata Mujhe O, Jahaan Ke Maalik, Ye Kya Najaare Dikha Raha Hai,
Bahate Hain Kyon Garib Ke, Javaab De,
Bata Mujhe O, Jahaan Ke Maalik, Ye Kya Najaare Dikha Raha Hai,
Tere Samandar Mein Kya Kamin Thi, Ki Aadami Ko Rula Raha Hai,
Bata Mujhe O, Jahaan Ke Maalik, Ye Kya Najaare Dikha Raha Hai,
Singer :- Shri Paras Laadla Ji
Album :- Yaar Di Kamali
Music :- Honey Maisi
Label :- Shyam Meri Zindagi
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