
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
मेरी दिल की हर धड़कन बोले भजन (मुखड़ा) मेरी दिल की हर धड़कन बोले, क्या बोले, क्या बोले, मेरे सांसों की सरगम बोले, क्या बोले, क्या बोले, अब ...
गाड़ी बँगले ये दौलत चले जायेंगे भजन (मुखड़ा) गाड़ी बंगले ये दौलत, चले जाएंगे। यारों, माटी में एक दिन, ये मिल जाएंगे।। (अंतरा) गर्व किसका रह...
वैकुंठ में बैठे हैं प्रभु जी कृपा ये अपनी बरसा रहे हैं (मुखड़ा) वैकुंठ में बैठे हैं प्रभु जी, कृपा ये अपनी बरसा रहे हैं।। (अंतरा) जो भी इनक...
करीब से जिसने ज्ञान सीखा भजन करीब से जिसने ज्ञान सीखा, वो पूरे जीवन में काम आया। जो दूर रह करके सीखता है, वो पूरे जीवन न सीख पाया।। करीब से...
मैं तप की महिमा गाऊं जयकार लगाऊं (मुखड़ा) मैं तप की महिमा गाऊं, जयकार लगाऊं, तपस्वी अमर रहो, मैं घर को सजाऊं, मैं पलके बिछाऊं, चरण जहां तपस...
पूर्णचंद्रमुखं नीलिंदु रूपम् पूर्णब्रह्म स्तोत्रम् पूर्णचंद्रमुखं नीलिंदु रूपम्, उद्भासितं देवं दिव्यं स्वरूपम्, पूर्णं त्वं स्वर्णं त्वं व...
सेवा में छुपे हैं सुख सारे इस बात पे हम विश्वास करें सेवा में छुपे हैं सुख सारे, इस बात पे हम विश्वास करें। सेवा में गुजर जाए जीवन, सब मिलक...
जिसके दिल को प्रभु प्रेम भाता नहीं जिसके दिल को प्रभु प्रेम भाता नहीं, ऐसे लोगों से मुझको तो मिलना नहीं। जिस जगह ईश का ध्यान होता नहीं, उस ...
न भटको मोह से प्यारे ये रिश्ते टूट जाएँगे भजन (मुखड़ा) न भटको मोह से प्यारे, ये रिश्ते टूट जाएँगे। जिन्हें अपने समझते हो, कभी वे रूठ जाएँगे...
भक्ति का जब वो सावन होगा तब तेरा तन मन पावन होगा (मुखड़ा) भक्ति का जब वो सावन होगा, तब तेरा तन-मन पावन होगा। भक्ति करने में ही तेरा जीवन हो...
कलि का कलयुग भजन अधर्म हर एक युगों में एक नया रूप लेता है, वो कौरव कभी रावण मन ही दानव बन आ जाता है, कलयुगी अधर्म के आधुनिक देखो रंग कई, प्...
सुनो कहानी साथ मेरे तुम इस कलयुग की नारी की सुनो कहानी साथ मेरे तुम इस कलयुग की नारी की, दिखावे की इस दुनिया में परवाह इसे दिखावे की, झूठी ...
लारा लप्पा रोज ही लगाया ना करो लारा लप्पा रोज ही लगाया ना करो भगतो को इतना सताया न करो आस ले के दूर से जो आते है यहा-2 खाली उन्हें द्वार से...
तुम हो जगत के स्वामी भजन तुम हो जगत के स्वामी, ओ मेरे जगन्नाथ (मुखड़ा) तुम हो जगत के स्वामी, ओ मेरे जगन्नाथ, हम आए गए पूरी में, ओ मेरे दीना...
चतुराई चौपट करे ज्ञानी गोते खाए चतुराई चौपट करे ज्ञानी गोते खाए, भोले भाले लोगन को नारायण मिल जाए। कोई वेद पढ़े कोई शास्त्र गढ़े, कोई मथुरा...
उत्तर में जल रही चिताएं परस्पर उत्तर में जल रही चिताएं परस्पर, पश्चिम में साधु मौन साधे पूरब में नाच रहे प्रेत सुंदर, दक्षिण में जीव अघोर स...
कर्म किए जा फल की चिंता ना कर कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि। कर्म किए जा फल की चिंता ना कर...