चालो रे सखियाँ चालो, हिमालय (हिमाचल ) के द्वारे आज भजन लिरिक्स Chalo Re Sakhiya Lyrics

चालो रे सखियाँ चालो, हिमालय (हिमाचल ) के द्वारे आज भजन लिरिक्स Chalo Re Sakhiya Lyrics

चालो रे सखियाँ चलो , हिमालय (हिमाचल )के द्वारे आज,
गोरा बाई रो बींद निरखस्यां गोरो है या कालो राज,

ऐसा कामण म्हारे , शिव बोले ने सोहे राज,
शिव भोले ने सोहे, यह तो गोरा बाई ने मोहे राज,

बाघम्बर का वस्त्र पहेरे , अंग विभूति रमावे राज,
मस्तक पर तो चन्द्रमा सोहे , जटा में गंगा बिराजे ओ राज,

काना में थारे कुंडल सोहे , गल सर्पों की माला राज,
नंदी की असवारी सोहे, त्रिशूल हाथ में धारया ओ राज,

भान्त भान्त का बाराती आया, कोई लूला कोई लंगड़ा राज,
भुत प्रेत ने सागे ल्याया , शिव को रूप अनोखो ओ राज,

भांग धतुरा करे कलेवो , बिजिया खूब चढ़ावे राज,
शिव भोला का आया बाराती , पातल पापड़ खावे ओ राज,

शिव भोले को रूप देख कर, सखियाँ पाछी भागे राज,
सखियाँ यह केवण लागी, बींद घणो ही भून्ड़ो ओ राज,

म्हे नहीं जाणा, म्हारा जोशी कामण गारा राज,
जोशीजी को नेक चुकास्यां कामण ढीला छोड़ो ओ राज,

चालो रे सखियाँ चलो , हिमालय के द्वारे आज,
गोरा बाई रो बींद निरखस्यां गोरो है या कालो राज,

1 टिप्पणी

  1. Nice