बाबा बेगो बेगो आजा रे कांवड़ भजन
बाबा बेगो बेगो आजा रे कांवड़ भजन
बाबा बेगौ बेगौ आजा रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
घणी देर सूं बाट जोवतां,
हो गई म्हाने देरी,
ना जाणे क्या में बिलमायो,
हो रही रात अंधेरी,
तू भी म्हारे सागे हो ले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
ऊपर सूं तो बारिश बरसे,
नीचे रे धरती गीली,
ठंडी-ठंडी भाळ चाल रई,
काया हो गई रे पीली,
म्हारा दांत कटाकट बोले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
के तू खाली भांग की बूटी,
के गांजा पी लीनो,
के तू खेले आंख मिचौली,
के तू धोखा दीन्हयो,
थारी नीयत खोटी हो गई रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
आओ-आओ अब बेगौ आओ,
कांवरिया दुख पा रह्या,
भोला भगता से क्यों रूठ्या,
ते जीत्या मैं हारया,
ओ शर्मा बम-बम सागे बोले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
घणी देर सूं बाट जोवतां,
हो गई म्हाने देरी,
ना जाणे क्या में बिलमायो,
हो रही रात अंधेरी,
तू भी म्हारे सागे हो ले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
ऊपर सूं तो बारिश बरसे,
नीचे रे धरती गीली,
ठंडी-ठंडी भाळ चाल रई,
काया हो गई रे पीली,
म्हारा दांत कटाकट बोले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
के तू खाली भांग की बूटी,
के गांजा पी लीनो,
के तू खेले आंख मिचौली,
के तू धोखा दीन्हयो,
थारी नीयत खोटी हो गई रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
आओ-आओ अब बेगौ आओ,
कांवरिया दुख पा रह्या,
भोला भगता से क्यों रूठ्या,
ते जीत्या मैं हारया,
ओ शर्मा बम-बम सागे बोले रे,
कांवड़ लेके चाल थाका,
पगल्या दुखे रे।
Baba Bego Bego Kanwar Bhajan By Lakhbir Singh Lakkha [Full Audio Song] Chal Bhole Ke Dwar
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Author - Saroj Jangir
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