ऐ श्याम शरण तेरी जो भी कोई आता है

ऐ श्याम शरण तेरी जो भी कोई आता है

ऐ श्याम शरण तेरी,
जो भी कोई आता है,
कहते आलूसिंह जी,
वो भव तर जाता है,
ऐ श्याम शरण तेरी।।

हारी हुई बाजी को,
यहां जीत अवश्य मिलती,
मुरझाए हुए दिल की,
नज़रों से कली खिलती,
जो भक्त प्रभु तुमको,
भावों से रिझाता है,
कहते आलूसिंह जी,
वो भव तर जाता है,
ऐ श्याम शरण तेरी।।

आंखों के आंसू से,
चौखट जो भिगोए तेरी,
तुम लाज रखो उनकी,
पल भर की ना हो देरी,
ऐ श्याम तेरे दर पे,
जो शीश झुकाता है,
कहते आलूसिंह जी,
वो भव तर जाता है,
ऐ श्याम शरण तेरी।।

तुमने महकाया श्याम,
शालू के जीवन को,
भटका सा था मैं प्रभु,
तुमने बहलाया श्याम,
बाबा अर्श की नैया को,
जब खुद ही चलाता है,
कहते आलूसिंह जी,
वो भव तर जाता है,
ऐ श्याम शरण तेरी।।

ऐ श्याम शरण तेरी,
जो भी कोई आता है,
कहते आलूसिंह जी,
वो भव तर जाता है,
ऐ श्याम शरण तेरी।।


ए श्याम शरण तेरी अरदास भजन पीलीबंगा (राजस्थान) हारे के सहारे की जय

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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