जबसे आया मैं तेरे दरबार साँवरे भजन
इतना दिया मेरे श्याम ने, जितनी मेरी ओकात नहीं,
ये तो करम है मेरे श्याम का, वरना मुझ में ऐसी बात नहीं,
जबसे आया मैं तेरे दरबार साँवरे,
तूने इतना दिया है, मुझे प्यार साँवरे,
नहीं भूलूँ, कभी मैं, तेरे उपकार साँवरे,
जबसे आया मैं तेरे दरबार साँवरे,
तूने इतना दिया है, मुझे प्यार साँवरे,
नहीं भूलूँ, कभी मैं, तेरे उपकार साँवरे,
जबसे आया मैं,
छोटी छोटी खुशियों को भी तरसते थे,
दिल ही दिल में कन्हैया हम तपड़ते थे,
मेरा दिल भी यही कहता है, हर बार सांवरे,
जबसे आया मैं,
जब से तुमसे कन्हैया मेरी यार हो गई,
खाटू वाले की मुझको बीमारी हो गई
तेरे दर्शन से मिलता है मुझे करार साँवरे,
जबसे आया मैं,
तेरे भक्तों का मिला मुझे परिवार है,
जग के रिश्तो से बढ़ कर भी एतबार है,
कहे मोहित मानूँगा तेरा आभार साँवरे,
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