लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िन्दगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी।
दूर दुनिया का मेरे दम अँधेरा हो जाये
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाये।
हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत (शोभा)
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत।
ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब
इल्म[विद्या] की शमा से हो मुझको मोहब्बत या रब।
हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत[सहायता] करना
दर्द-मंदों से ज़इफ़ों[बूढ़ों] से मोहब्बत करना।
मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको
नेक जो राह हो उस राह पे चलाना मुझको।
~ मोहम्मद अलामा इक़बाल
दुआ / प्रार्थना / دُعا
तमन्ना / इच्छा / تَمَنّا
शमा / दीपक / شَمع
ज़ीनत / शोभा / زِینَت
इल्म / विद्या / عِلم
हिमायत / सहायता / حِمایَت
ज़ईफ़ों / बूढ़ों / ضَعِیفوں
नेक / अच्छी / نِیک
लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी - अल्लामा इक़बाल
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
ज़िंदगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी!
दूर दुनिया का मिरे दम से अंधेरा हो जाए!
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए!
हो मिरे दम से यूं ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
ज़िंदगी हो मिरी परवाने की सूरत या-रब
इल्म की शमा से हो मुझ को मोहब्बत या-रब
हो मिरा काम ग़रीबों की हिमायत करना
दर्द-मंदों से ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना
मिरे अल्लाह! बुराई से बचाना मुझ को
नेक जो राह हो उस रह पे चलाना मुझ को
यह रचना इंसान की उस गहरी चाह को व्यक्त करती है जिसमें जीवन का मतलब केवल अपने लिए जीना नहीं, बल्कि दूसरों के लिए रोशनी बनना है। एक ऐसी कामना जो आत्मा की सबसे पवित्र पुकार बन जाती है—“मेरा अस्तित्व किसी के अंधकार को मिटाए, किसी के चेहरे पर मुस्कान लाए।” जब इंसान यह सोच लेकर जिए कि उसके होने से किसी और की तकलीफ कुछ कम हो जाए, तो वही असली इंसानियत है। दीया बनने की यह भावना केवल धर्म की बात नहीं, बल्कि जीवन की सबसे सच्ची साधना है—जहाँ खुद जलकर भी, औरों के लिए उजाला फैलाना ही आनंद बन जाता है।
यह दुआ इंसान को कर्म, करुणा और ज्ञान—तीनों का संगम बना देती है। विद्या की शमा से प्रेम करने का मतलब केवल ज्ञान अर्जित करना नहीं, बल्कि वह प्रकाश अपने व्यवहार में उतारना है। जो अपने वतन, समाज और जरूरतमंदों के लिए जीता है, वह वास्तव में परमात्मा के सामने सिर झुकाने योग्य है। बुराई से बचने और नेक राह पर चलने की यह विनती अंदर की सजगता को जगाती है—क्योंकि जब दिल सच्चा हो, तो रास्ता खुद ईश्वर दिखा देता है। यह प्रार्थना हर उस हृदय के लिए है जो खुद को मानवता की सेवा में समर्पित करना चाहता है।
Lab Pe Aati Hai Dua Banke Tamanna Meri
Singers: Siza Roy
Song Lyricists: Iqbal
Music Composer: Jagjit Singh
Music Director: Jagjit Singh
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