मंदरिये में आके थारे साँवरा जाणे

मंदरिये में आके थारे साँवरा जाणे को मन कोन्या रे करे भजन

 
मंदरिये में आके थारे साँवरा जाणे को मन कोन्या रे करे Mandariye Me Aake Thare Sanvara Lyrics

मंदरिये में आके थारे साँवरा,
जाणे को मन कोन्या रे करे,
देवरीये में आके थारे साँवरा,
जाणे को मन कोन्या रे करे,
(जाने का मन नहीं करता है )

देसी घी को खाणों बाबा, घणो म्हानें भावे है,
खाणे में बाबा म्हाने स्वाद घणों आवे है,
पेट भर ज्यावा म्हारा साँवरा,
पर मन म्हारो कोन्या रे भरे,
मंदरिये में आके थारे साँवरा,
जाणे को मन कोन्या रे करे,
मंदरिये में आके थारे साँवरा,
जाणे को मन कोन्या रे करे,

ग्यारस न बाबा थारी हाज़िरी बजावा हाँ,
शुभम रूपम के सागे भजन सुणावा हाँ,
जागाँ म्हे तो सारी सारी रात,
पर सोणे को मन कोन्या रे करें,
मंदरिये में आके थारे साँवरा,
जाणे को मन कोन्या रे करे,
मंदरिये में आके थारे साँवरा,
जाणे को मन कोन्या रे करे,
 
Mandariye Mein Aake Mhara Saawra | Shubham Rupam | Shyam Bhajan 
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