मधाणियाँ-हिंदी मीनिंग Madhaniya-Hindi Meaning Punjabi Folk Song
मधाणियाँ,
हाय वे, मेरेया, डाडया रब्बा किन्ने जमिया, किन्ने ल जाणिया हाय,
हाय वे, मेरेया, डाडया रब्बा किन्ने जमिया, किन्ने ल जाणिया हाय,
(एक लड़की अपने बारे में लड़की होने पर ख़याल करती है की उसे अपने पिता का घर छोड़ के कहीं और चले जाना है। कहाँ उसका जन्म होता है और कहाँ उसे शादी के बाद भेज दिया जाता है ) छोले,
बाबुल तेरे महलां विच्चों सतरंगियाँ कबूतर बोले हाय,
बाबुल तेरे महलां विच्चों सतरंगियाँ कबूतर बोले हाय, (अपने पिता को लड़की कहती है की उसके घर में सतरंगी कबूतर बोल रहे हैं। लड़की का विवाह होना है इसलिए वह सांकेतिक रूप से कबूतर जिसे उड़ जाना है के विषय में कहती है। लड़की को शादी के उपरान्त अपने पिता का घर छोड़ के चले जाना है जैसे कबूतर कुछ समय बाद उड़ जाते हैं। )
लोई,
बाबुल तेरे महलां विच्चों तेरी लाडो परदेशण होइ हाय, (वह अपने पिता को सम्बोधित करते हुए कहती है की देखो जहाँ पर उसका बचपन बीता, उसने अपने पिता के साथ समय बिताया आज उसी घर में उसकी लड़की परदेसी हो गयी है, उसका ठिकाना अब कहीं और हो गया है )
कीता,
मेरे अपने वीरा ने डोला तोर के अग्गे नूं कीता हाय, (अपने भाई के विषय में लड़की के विचार हैं की आज उसके भाई ने उसकी डोली को विदा कर दिया है )
गलियाँ
मावां धियाँ मिलण लगियाँ चारे कंदा ने चौबारे दिया हल्लियाँ हाय, (अपनी माँ से मिलने के वक़्त वह बहुत उदास हो जाती है और दीवारों को / घर को देखती है और मानों चौबारे की चारों दीवारें हिल गयी हों, बहुत दुःख हुआ जब वह अपने घर को छोड़ के जाती है मानो घर की नींव ही हिल गयी हो )
हाय वे, मेरेया, डाडया रब्बा किन्ने जमिया, किन्ने ल जाणिया हाय,
हाय वे, मेरेया, डाडया रब्बा किन्ने जमिया, किन्ने ल जाणिया हाय,
(एक लड़की अपने बारे में लड़की होने पर ख़याल करती है की उसे अपने पिता का घर छोड़ के कहीं और चले जाना है। कहाँ उसका जन्म होता है और कहाँ उसे शादी के बाद भेज दिया जाता है ) छोले,
बाबुल तेरे महलां विच्चों सतरंगियाँ कबूतर बोले हाय,
बाबुल तेरे महलां विच्चों सतरंगियाँ कबूतर बोले हाय, (अपने पिता को लड़की कहती है की उसके घर में सतरंगी कबूतर बोल रहे हैं। लड़की का विवाह होना है इसलिए वह सांकेतिक रूप से कबूतर जिसे उड़ जाना है के विषय में कहती है। लड़की को शादी के उपरान्त अपने पिता का घर छोड़ के चले जाना है जैसे कबूतर कुछ समय बाद उड़ जाते हैं। )
लोई,
बाबुल तेरे महलां विच्चों तेरी लाडो परदेशण होइ हाय, (वह अपने पिता को सम्बोधित करते हुए कहती है की देखो जहाँ पर उसका बचपन बीता, उसने अपने पिता के साथ समय बिताया आज उसी घर में उसकी लड़की परदेसी हो गयी है, उसका ठिकाना अब कहीं और हो गया है )
कीता,
मेरे अपने वीरा ने डोला तोर के अग्गे नूं कीता हाय, (अपने भाई के विषय में लड़की के विचार हैं की आज उसके भाई ने उसकी डोली को विदा कर दिया है )
गलियाँ
मावां धियाँ मिलण लगियाँ चारे कंदा ने चौबारे दिया हल्लियाँ हाय, (अपनी माँ से मिलने के वक़्त वह बहुत उदास हो जाती है और दीवारों को / घर को देखती है और मानों चौबारे की चारों दीवारें हिल गयी हों, बहुत दुःख हुआ जब वह अपने घर को छोड़ के जाती है मानो घर की नींव ही हिल गयी हो )
Madhaniya | Neha Bhasin | Punjabi Folk Song
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