मुझे भक्ति की दौलत से प्रभु भरपूर भजन
मुझे भक्ति की दौलत से प्रभु भरपूर कर देना,
विनय इस दीन सेवक की प्रभु मंजूर कर लेना,
जपूँ मैं रात दिन सतगुरु, तेरे ही नाम की माला,
पिला के प्रेम का प्याला, मुझे मशहूर कर देना,
विनय इस दीन सेवक की प्रभु मंजूर कर लेना,
रहे न कामना जग की, कोई भी दिल में ऐ सतगुरु,
तुम्हीं हो दिल में ऐ सतगुरु दया ये हुजुर कर देना,
विनय इस दीन सेवक की प्रभु मंजूर कर लेना,
ना छूटे दर तेरा सतगुरु, है अभिलाषा यही दिल में,
बीमारी मोह ममता की ऐ मालिक दूर कर देना,
विनय इस दीन सेवक की प्रभु मंजूर कर लेना,
तेरे दासों का बन के दास, बिताऊँ जिंदगी अपनी,
बख्श कर दीन को दाता अहंता चूर कर देना,
विनय इस दीन सेवक की प्रभु मंजूर कर लेना,
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं