Pragate Hain Charo Bhaiya Avadh Me Baje Badhaiya
प्रगटे हैं चारों भैया, अवध में बाजे बधईयाँ
जन्मे हैं चरों भैया, अवध में बजे बधईयाँ
गलिन गलिन में धूम मची है,
बाज रही शैनैयाँ , अवध में बजे बधईयाँ
जगमग जगमग दियला जलत है,
झिलमिल होत अटरिया, अवध में बजे बधईयाँ
कौन लुटावे हिरा मोती,
कौन लुटावे रुपैया, अवध में बजे बधईयाँ
राजा लुटावे हीरा मोती,
मैया लुटावे रुपैया, अवध में बजे बधईयाँ
झांझ मृदंग ताल डप बाजे,
नाचत ता ता थैया, अवध में बजे बधईयाँ आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
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