तेरा भगत हार कर के तेरे दर पे आया है भजन
तेरा भगत हार कर के, तेरे दर पे आया है,
तेरा भगत हार कर के, तेरे दर पे आया है,
गैरों की बताएं क्या, अपनों का सताया है,
तेरा भगत हार कर के, तेरे दर पे आया है,
हर दर को देख लिया अब तेरा नाम लिया,
हमने तो सुना मोहन तूने सब का काम किया,
नैनो में भर कर के दो आँसूं लाया हूँ,
गैरों की बताएं क्या, अपनों का सताया है,
तेरा भगत हार कर के, तेरे दर पे आया है,
अब तो बाबा मुझको दुखो ने घेरा हैं,
तेरे बालक ने बाबा अब तुम को पुकारा है,
तेरे चरणों की बाबा मेरे सिर पर छाया है,
गैरों की बताएं क्या, अपनों का सताया है,
तेरा भगत हार कर के, तेरे दर पे आया है,
कहता है रविंदर यूँ ये अर्जी मेरी है,
अरजी को पढ़ने में बाबा क्या देरी है,
अब की बारी बाबा मैंने तुम को ध्याया,
गैरों की बताएं क्या, अपनों का सताया है,
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