
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
बाईसा रा बीरा ........
बाईसा रा बीरा जयपुर जइज्यो जी
बाईसा रा बीरा जयपुर जइज्यो जी
आता तो लाइज्यो तारा री चुनड़ी
आता तो लाइज्यो तारा री चुनड़ी
बाईसा री भांवज
बाईसा री भांवज म्हे नही जाणा जी
किसेक रंग की तारा री चुनडी
किसेक रंग की तारा री चुनडी
बाईसा रा बीरा हरया हरया पल्ला सा
बाईसा रा बीरा हरया हरया पल्ला सा
कसुमल रंग की तारा री चुनडी
कसुमल रंग की तारा री चुनडी
हो...... म्हारी मृगा नैणी
हो म्हारी मृगा नैणी ओढ बताओ जी
ओ म्हारी मृगा नैणी ओढ बताओ जी
कसीक सोवे तारा री चुनड़ी
कसीक सोवे तारा री चुनड़ी
बाईसा रा बीरा नणद हटीली जी
बाईसा रा बीरा नणद हटीली जी
ओढण नही दे तारा री चुनड़ी
ओढण नही दे तारा री चुनड़ी
ओ म्हारी चंदा वदनी ओढ बताओ जी
म्हारी चंदा वदनी ओढ बताओ जी
महलां में निरखा तारा री चुनड़ी
महलां में निरखा जाळी री चुनड़ी
आता तो लाइज्यो तारा री चुनड़ी
थारे खुब सोवे तारा री चुनड़ी
आता तो लाइज्यो तारा री चुनड़ी
ओ थारे खुब सोवे जाळी री चुनड़ी
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Author - Saroj Jangir
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