चहूं वेदीं जाण साहिशास्त्रीं कारण भजन
चहूं वेदीं जाण साहिशास्त्रीं कारण भजन
चहूं वेदीं जाण साहिशास्त्रीं कारण । अठराहीं पुराणें हरीसी गाती,
मंथुनी नवनीता तैसें घे अनंता । वायां व्यर्थ कथा सांडी मार्ग,
एक हरि आत्मा जीवशिव सम । वायां दुर्गमी न घालीं मन,
ज्ञानदेवा पाठ हरि हा वैकुंठ । भरला घनदाट हरि दिसे,
चहूं वेदीं जाण साहिशास्त्रीं कारण । अठराहीं पुराणें हरीसी गाती,
मंथुनी नवनीता तैसें घे अनंता । वायां व्यर्थ कथा सांडी मार्ग,
एक हरि आत्मा जीवशिव सम । वायां दुर्गमी न घालीं मन,
ज्ञानदेवा पाठ हरि हा वैकुंठ । भरला घनदाट हरि दिसे,
मंथुनी नवनीता तैसें घे अनंता । वायां व्यर्थ कथा सांडी मार्ग,
एक हरि आत्मा जीवशिव सम । वायां दुर्गमी न घालीं मन,
ज्ञानदेवा पाठ हरि हा वैकुंठ । भरला घनदाट हरि दिसे,
चहूं वेदीं जाण साहिशास्त्रीं कारण । अठराहीं पुराणें हरीसी गाती,
मंथुनी नवनीता तैसें घे अनंता । वायां व्यर्थ कथा सांडी मार्ग,
एक हरि आत्मा जीवशिव सम । वायां दुर्गमी न घालीं मन,
ज्ञानदेवा पाठ हरि हा वैकुंठ । भरला घनदाट हरि दिसे,
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