ऐ सतगुरु ऐ मेरे मेहेरबान भजन

ऐ सतगुरु ऐ मेरे मेहेरबान भजन

 
ऐ सतगुरु ऐ मेरे मेहेरबान भजन लिरिक्स हिंदी AIE Satguru E Mere Meharban Bhajan Lyrics

ऐ सतगुरु ऐ मेरे मेहेरबान,
तेरे एहसान कैसे करू मैं बयां
मैं ज़मीं तू आसमां,
प्रेम नज़र करके रहमो करम,
तूने पहुचाया मुझको कहाँ से कहाँ
बदल गया मेरा जहाँ,
की हैं इतनी रहमते, जिसके मैं काबिल न था
ऐसी थी ये ज़िन्दगी जिसका कोई साहिल न था
तू मिला तो रब मिला, रब मिला तोहन सब मिला
झूम उठी ज़िन्दगी, जीने का सबब मिला
जलती जग की धुप में, तेरी छाया मिल गयी
रोते नैना हस पड़े, दिल की कालिया खिल गयी
करे तू रहमो नज़र, अपनें प्रेमी भगतों पर
ना उतार पाऊ मैं, क़र्ज़ तेरा उम्र भर
दी हैं इतनी रहमते, झोली छोटी पड़ गयी
ऐसी दया को देख कर, आँखे नीची पड़ गयी
भाग्य तू सवारता, भार तू उतारता
दास तेरा उम्र भर, शुक्र हैं गुज़ारता
 

Friendship Day Special Bhajan - Ae Satguru Ae Mere Meharbaan,ऐ सतगुरु ऐ मेरे मेहेरबान

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