ऐली पैली सखरिया री पाल लिरिक्स Eli Peli Sakhariya Ree Pal Lyrics

ऐली पैली सखरिया री पाल लिरिक्स Eli Peli Sakhariya Ree Pal Lyrics

 
ऐली पैली सखरिया री पाल लिरिक्स Eli Peli Sakhariya Ree Pal Lyrics

विवाह के अवसर पर गाये जाने वाले इस लोक गीत मैं दूल्हे सबंध में कहा गया है की दूल्हा कोई ऐरा गैरा नहीं है जो की पैदल ही दुल्हन के घर (बरात के ठहरने के स्थान से-सरवर के किनारे पर दूल्हा और बरात रुकी हुई है ) चला जाए। जाओ और दूल्हे के ससुर जी से कह दो की वह घोड़े सामने से भेजें। दूल्हा बहुत ही सुविधा संपन्न है।
 
ऐली पैली सखरिया री पाल,
पालां रे तंबू तांणिया रे,
जाये वनी रे बापाजी ने कैजो,
के हस्ती तो सामां मेल जो जी,
नहीं म्हारां देसलड़ा में रीत,
भंवर पाला आवणों जी,
जाय बनी रा काकाजी ने कैजो,

घुड़ला तो सांमां भेजो जी,
नहीं म्हारे देशां में रीत,
भंवर पाला चालणों जी,
जाय बनीरा माता जी ने कैजो,
सांमेला सामां मेल जो जी,
नहीं म्हारे देशलड़ां में रीत,
भंवर पाला आवणों री,
 


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