जोड़ी रे अधम की पूँजी जोड़ी रे भजन
जोड़ी रे, अधम की पूँजी जोड़ी रे,
फोड़ी रे, करम की गोलक फोड़ी रे,
गिन गिन ढ़ेरी सबकी बनाई, भक्ति प्रेम की छोटी पाई,
मानक मोती कोड़ी रे,
दुर्जन संग का भेद न जाना , विपत्ति काल में ये पहचाना,
छोड़ी रे, संकट में बांह छोड़ी रे,
जोड़ी रे, अधम की पूँजी जोड़ी रे,
धनी हुआ रे करम का निर्धन, भिक्षा भक्ति की दे दो भगवन,
खोली रे, झोली बमनावत खोली रे,
जोड़ी रे, अधम की पूँजी जोड़ी रे,
महल बना के चड़ा अटारी,
तनिक न मूरख नीचे निहारी,
दौड़ी रे, मति की चकरी दौड़ी रे,
जोड़ी रे, अधम की पूँजी जोड़ी रे,
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Author - Saroj Jangir
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