फागण का मेला आ गया मेरे श्याम का मेला आ गया भजन
श्याम प्रेमियों के ऊपर, इक नशा अजब सा छा गया
फागण का मेला आ गया, मेरे श्याम का मेला आ गया,
श्याम प्रेमियों के ऊपर, इक नशा अजब सा छा गया,
श्याम मिलने की व्याकुलता में छोड़ के अपना सारा काम,
मस्ती में मस्तानो की ये चली टोलियाँ खाटू धाम,
ऐसा लगता है इन सब को श्याम संदेसा आ गया ,
फागण का मेला आ गया, मेरे श्याम का मेला आ गया,
ट्रेंडिंग खाटू श्यऐसा है मेरे श्याम का जादूँ,
चढ़ के नहीं उतरता है, कोई पैदल कोई देखो,
पेट पलणियाँ चलता है,
हर बाबा का प्रेमी देखो श्याम धजा लहरा गया,
फागण का मेला आ गया, मेरे श्याम का मेला आ गया,
धूम मची फागण की मौसम रंग रंगीला आया है,
श्याम प्रभु ने अपने रंग में, रंगने खाटू बुलाया है,
प्रेम श्याम का प्रेमियों, की नस नस में समा गया,
फागण का मेला आ गया, मेरे श्याम का मेला आ गया,
इन्तजार अब ख़त्म हो गया, इस फागण के मेले का,
ठाना है "संजय" (गायक-संजय जी मित्तल) ने मन में होली खाटू खेलेगा,
चलो बुलावा श्याम धनि का तेरा भी "कुंदन"
(लेखक Kundan Akela Ji) आ गया,
फागण का मेला आ गया, मेरे श्याम का मेला आ गया,
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Author - Saroj Jangir
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