मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे
खारी लागे म्हाने खारी लागे
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे
रंग रंगीला म्हारा साहेब थे तो
थांकी सांवली सूरत मतवाली लागे
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे
सामली पड़ौसन तीखो सुरमो सारे
ठुमका करती छम छम चाले
बा तो फुट्योड़ी सी म्हाने इक झारी लागे
उजड़ी सी म्हाने इक क्यारी लागे
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे
थे भी तो बीने लुक छिप ताको
खिड़की खोलो झुक झुक ताको
म्हाने सामली पड़ोसन कामणकारी लागे
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे
म्हे साहेब थाने लागूं हूँ पुराणी
इसी बातां मत कर सुण ले ऐ स्याणी
तू तो म्हाने रूप की धिराणी लागे
प्यारी प्यारी म्हारी घरआली लागे
मिसरी को बाग़ लगासा गोरिये,
नीम की निम्बोली थाने खारी लागे,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं