संसार से भागे फिरते हो भगवान लिरिक्स Sansar Se Bhage Phirte Ho Bhajan Lyrics

संसार से भागे फिरते हो भगवान  लिरिक्स Sansar Se Bhage Phirte Ho Bhajan Lyrics

 
संसार से भागे फिरते हो भगवान लिरिक्स Sansar Se Bhage Phirte Ho Bhajan Lyrics

संसार से भागे फिरते हो, भगवान को तुम क्या पाओगे,
इस लोक को भी अपना न सके, उस लोक में भी पछताओगे,

ये पाप है क्या, ये पुण्य है क्या, रीतों पे धरम की मुहरें हैं,
हर युग में बदलते धर्मों को कैसे आदर्श बनाओगे,

ये भोग भी एक तपस्या है, तुम त्याग के मारे क्या जानो,
अपमान रचयिता का होगा, रचना को अगर ठुकराओगे,

हम कहते हैं ये जग अपना है, तुम कहते हो झूठा सपना है,
हम जन्म बिता कर जायेंगे, तुम जन्म गंवा कर जाओगे,
 


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