दिया तूने सतगुरु सहारा न होता भजन
दिया तूने सतगुरु सहारा न होता
तो निस्तार हरगिज हमारा न होता
हुए धन्य हम तुमको अपना बनाकर
न हम तेरे बन सकते जग को भुला कर
तेरी आँख का गर इशारा न होता,
अंधेरों में ही ठोकरें जीब खाते
सतनाम वाहेगुरु जी ट्रेंडिंग भजन :
उजाले कहाँ से यह ज़िन्दगी में आते
तेरे जलवो का गर नज़ारा न होता,
की जब उम्र की डूबी जाती थी कश्ती
अगर तेरी रहमत न उस वक़्त होती
मिला हमको भाव से किनारा सतगुरु,
तेरी बक्शिशों के में कुर्बान सतगुरु
न होता अगर तू मेहरबान सतगुरु
तो किस्मत का रोशन सितारा न होता,