शरण पड़ा हूँ मैं उबारो उबारो बाबा श्याम जी लिरिक्स Sharan Pada Hu Main Ubaro Ubaro Shyam Ji Lyrics
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो उबारो बाबा श्याम जी
मात पिता गुरुदेव के कोटि कोटि कर ध्यान
पीड़ा हरण श्री हरी सुनो , अरज़ करो संज्ञान
विनय विनायक गणपति दे शरद आशीष
चालीसा मेरे श्याम की पढ़े कॉम छत्तीस
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
जय जय खाटू श्याम बिहारी श्रवण करो विनती ये हमारी
पांडव कुल जन मान बढ़ायो बर्बरीक महा वीर कहायो
मन मोहन माधव वर पायो कलयुग कलिमल सकल सुहायो
शीश के दानी महा बलवानी तर्क वितर्क करात अज्ञानी
हे हरी हर हे दीं दयाला कष्ट हरो कलिकाल कृपाला
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
मधुर मधुर मुख रतन लगाऊं , सांझ सवेरे महिमान गाउँ
जगमग जगमग ज्योत विराजे , मोरछड़ी हाथो में साजे
इत्तर फुहार सुगन्धित शोभा निरखत नयन मगन मन लोभा
अनुपम छवि श्रृंगार सजीला , छठा कहूं क्या छैल छबीला
कौन कठिन प्रभु काज हमारो, जो तुमसे नहीं जाए सुधारो
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
हारे जानो के आप सहारे, शरण पड़े कर जोर तुम्हारे
कष्ट हरो अविलम्ब हमारे शरणागत बच्छल प्रभु प्यारे
खाटू नगर अजब अलबेला , धाम अलौकिक एक अकेला
शुक्ल पक्ष एकादशी प्यारी तन मन धन जन जन बलिहारी
लखदातार मदन मन भावन, सुमन भ्रमर जिमि नाच नचावन
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
स्वर्ण जड़ित सिंहासन प्यारो , मोर मुकुट मणिमय रत्ना रो
जो जन दरश करे इक बारी भूल न पावें उमरिया सारी
भक्त शिरोमणि आलू सिंह जी श्याम बहादुर जी की मर्ज़ी
सेवक परिजन चंवर दुरावे निजकर श्यामहि स्वयं सजावे
चटक चूरमा मिश्री मेवा, छप्पन भोग भाव जिमि सेवा
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
कोटि कोटि सात कोटि निशाना चढ़त चढ़ावे सकल सुजाना
पैदल पेट पलनीया आवे, मन वांछित फल तुरतहि पावे
सन्मुख गोपीनाथ दरश है शीश झुकावट ह्रदय हरष है
चौखट वीर बलि बलवंता, पवन पुत्र जय जय हनुमंता
अमृत वृष्टि नहाये तन मन सुरगाहीं से सुन्दर तव आँगन
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
सांवरिया जो सजी फुलवारी , श्याम बगीची मनोहर प्यारी
श्यामकुण्ड क्षय पाप कहावे निर्मल नीर मगन मन नहावे
रंग रंगीले फागुन मेले , सांवरिया भक्तों संग खेले
श्याम श्याम का जय जयकारा, नभ गूंजे गुणगान अपारा
शरण श्याम सेवा मोहे दीजो , जनम जनम चाकर रख लीजो
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
मुख से मांग करूँ क्या स्वामी, घट घट जानो अन्तर्यामी
सौंप दई पतवार तुम्ही को तुम जानो प्रभु लाज तुम्ही को
कंचन कनक बानी ये काया , जब जब तेरा सुमिरन गाया
निर्मल मन भोले बड़भागी , सहज कृपा पावें अनुरागी
मैं मति मूढ़ गंवार कहाँउँ, किस विध तेरी थाह में पाऊं
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
चरण पकड़ प्रभु बैठ गाया हूँ, लिखवाया वो लिखता गाया हूँ
नर नारी जो पढ़े पढ़ावे श्याम धनि की महिमा गावे
निश्चय नित आनंद मनावे दुःख दारिद्र ना वो मन पावे
प्रेम मगन अँखियाँ जिन आंसू उनके ह्रदय करत हरी वासु
लेहरी बाबा देव दयानिधि , जस कर लज्जा रखो जेहिं विधि
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
जय श्री श्याम देवाये नमः मंत्र महान विशेष
रोग दोष सब काट के हरता कोप कलेश
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
हाथ जोड़ विनती करूँ सुणजो चित्त लगाए
दास आ गया शरण में रखियो इसकी लाज
धन्य ढुंढारो देश है , खाटू नगर सुजान
अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण
श्याम श्याम नित मैं रटूं श्याम है जीवन प्राण
श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम
खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम
फाल्गुन शुक्ल मेला भरे जय जय बाबा श्याम
फाल्गुन शुक्ल द्वादशी , उत्सव भारी होये
बाबा के दरबार से खाली जाये ना कोई
उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम
लज्जा सबकी राखियो खाटू के श्री श्याम
पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर
सब भक्तन की विनती दर्शन देवो हुज़ूर
आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान
श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
मात पिता गुरुदेव के कोटि कोटि कर ध्यान
पीड़ा हरण श्री हरी सुनो , अरज़ करो संज्ञान
विनय विनायक गणपति दे शरद आशीष
चालीसा मेरे श्याम की पढ़े कॉम छत्तीस
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
जय जय खाटू श्याम बिहारी श्रवण करो विनती ये हमारी
पांडव कुल जन मान बढ़ायो बर्बरीक महा वीर कहायो
मन मोहन माधव वर पायो कलयुग कलिमल सकल सुहायो
शीश के दानी महा बलवानी तर्क वितर्क करात अज्ञानी
हे हरी हर हे दीं दयाला कष्ट हरो कलिकाल कृपाला
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
मधुर मधुर मुख रतन लगाऊं , सांझ सवेरे महिमान गाउँ
जगमग जगमग ज्योत विराजे , मोरछड़ी हाथो में साजे
इत्तर फुहार सुगन्धित शोभा निरखत नयन मगन मन लोभा
अनुपम छवि श्रृंगार सजीला , छठा कहूं क्या छैल छबीला
कौन कठिन प्रभु काज हमारो, जो तुमसे नहीं जाए सुधारो
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
हारे जानो के आप सहारे, शरण पड़े कर जोर तुम्हारे
कष्ट हरो अविलम्ब हमारे शरणागत बच्छल प्रभु प्यारे
खाटू नगर अजब अलबेला , धाम अलौकिक एक अकेला
शुक्ल पक्ष एकादशी प्यारी तन मन धन जन जन बलिहारी
लखदातार मदन मन भावन, सुमन भ्रमर जिमि नाच नचावन
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
स्वर्ण जड़ित सिंहासन प्यारो , मोर मुकुट मणिमय रत्ना रो
जो जन दरश करे इक बारी भूल न पावें उमरिया सारी
भक्त शिरोमणि आलू सिंह जी श्याम बहादुर जी की मर्ज़ी
सेवक परिजन चंवर दुरावे निजकर श्यामहि स्वयं सजावे
चटक चूरमा मिश्री मेवा, छप्पन भोग भाव जिमि सेवा
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
कोटि कोटि सात कोटि निशाना चढ़त चढ़ावे सकल सुजाना
पैदल पेट पलनीया आवे, मन वांछित फल तुरतहि पावे
सन्मुख गोपीनाथ दरश है शीश झुकावट ह्रदय हरष है
चौखट वीर बलि बलवंता, पवन पुत्र जय जय हनुमंता
अमृत वृष्टि नहाये तन मन सुरगाहीं से सुन्दर तव आँगन
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
सांवरिया जो सजी फुलवारी , श्याम बगीची मनोहर प्यारी
श्यामकुण्ड क्षय पाप कहावे निर्मल नीर मगन मन नहावे
रंग रंगीले फागुन मेले , सांवरिया भक्तों संग खेले
श्याम श्याम का जय जयकारा, नभ गूंजे गुणगान अपारा
शरण श्याम सेवा मोहे दीजो , जनम जनम चाकर रख लीजो
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
मुख से मांग करूँ क्या स्वामी, घट घट जानो अन्तर्यामी
सौंप दई पतवार तुम्ही को तुम जानो प्रभु लाज तुम्ही को
कंचन कनक बानी ये काया , जब जब तेरा सुमिरन गाया
निर्मल मन भोले बड़भागी , सहज कृपा पावें अनुरागी
मैं मति मूढ़ गंवार कहाँउँ, किस विध तेरी थाह में पाऊं
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
चरण पकड़ प्रभु बैठ गाया हूँ, लिखवाया वो लिखता गाया हूँ
नर नारी जो पढ़े पढ़ावे श्याम धनि की महिमा गावे
निश्चय नित आनंद मनावे दुःख दारिद्र ना वो मन पावे
प्रेम मगन अँखियाँ जिन आंसू उनके ह्रदय करत हरी वासु
लेहरी बाबा देव दयानिधि , जस कर लज्जा रखो जेहिं विधि
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
जय श्री श्याम देवाये नमः मंत्र महान विशेष
रोग दोष सब काट के हरता कोप कलेश
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
हाथ जोड़ विनती करूँ सुणजो चित्त लगाए
दास आ गया शरण में रखियो इसकी लाज
धन्य ढुंढारो देश है , खाटू नगर सुजान
अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण
श्याम श्याम नित मैं रटूं श्याम है जीवन प्राण
श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम
खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम
फाल्गुन शुक्ल मेला भरे जय जय बाबा श्याम
फाल्गुन शुक्ल द्वादशी , उत्सव भारी होये
बाबा के दरबार से खाली जाये ना कोई
उमा पति लक्ष्मी पति सीता पति श्री राम
लज्जा सबकी राखियो खाटू के श्री श्याम
पान सुपारी इलायची इत्तर सुगंध भरपूर
सब भक्तन की विनती दर्शन देवो हुज़ूर
आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान
श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान
शरण पड़ा हूँ मैं उबारो
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- मन्ने आवे श्याम की याद मैं तो खाटू जाऊँगा लिरिक्स Manne Aave Shyam Ki Yaad Lyrics
- हाथों में ले श्याम ध्वजा हम चल दिए खाटू श्याम धाम लिरिक्स Hatho Me Le Shyam Dhaja Hum Chal Diye Khatu Shyam Lyrics
- चलती है और चलती रहेगी खाटू की सरकार लिरिक्स Chalati Hai Aur Chalati Rahegi Khatu Lyrics
- चली जाटणी मेला में लिरिक्स Chali Jatani Mela Me Lyrics
- श्याम पागल हमें बना दिया भजन लिरिक्स Shyam Pagal Hame Bana Diya Bhajan Lyrics
- मेरी धड़कनों में बसा है श्याम मेरा भजन लिरिक्स Meri Dhadkano Me Basa Hai Shyam Mera Lyrics