शाम ढले जमुना किनारे भजन लिरिक्स Shyam Dhale Jamuna Kinare Bhajan Lyrics

शाम ढले जमुना किनारे भजन लिरिक्स Shyam Dhale Jamuna Kinare Bhajan Lyrics

 
शाम ढले जमुना किनारे भजन लिरिक्स Shyam Dhale Jamuna Kinare Bhajan Lyrics

शाम ढले जमुना किनारे, किनारे
आजा राधे आजा तोहे श्याम पुकारे
कभी रुके, कभी चले, राधा चोरी चोरी
पिया कहे आ, पिया कहे नहीं गोरी
शाम ढले जमुना किनारे,

राधा शरमाये, मनवा घबराये
पनिया भरने को, जाये ना जाये
खड़ी सोचे बृजबाला बृज में है होरी
कान्हा रंग देंगे मोहे हाय बरजोरी
लोग करेंगे ये इशारे, इशारे
शाम ढले जमुना किनारे,

कोई कहे श्याम से, न बांसुरी बजाये
चैन किसी का वो चितचोर न चुराये
डगमग डोले जिया की नईया
चले जब पुरवैया, छेड़े बंसी कन्हैयाँ
जादू भरे नैना डारे, नैनवा की डोरी
सोये सारा जग, जागे एक चकोरी
रात कटे गिन-गिन के तारे, तारे
शाम ढले जमुना किनारे,

पनघट पे सखियाँ, करती है बतियाँ
मोहन से लागी, राधा की अँखियाँ
जो भी मिले, यही पूछे, सुन ओ किशोरी
गई कहाँ निन्दियाँ रे, बिन्दियाँ तोरी
राम क़सम छेड़ेंगे सारे, सारे
शाम ढले जमुना किनारे,
 


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