दरबार में राधा रानी के दुःख दर्द मिटाये जाते हैं भजन
दरबार में राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते हैं,
दरबार में राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते हैं,
दुनिया से सताए लोग यहाँ, सीने से लगाए जाते हैं,
संसार नहीं रहने को यहाँ दुःख ही दुःख है सहने को,
भर भर के प्याले, भर भर के प्याले अमृत के,
भर भर के प्याले अमृत के, यहाँ रोज पिलाए जाते हैं,
दरबार मे राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते हैं,
पल पल में आस निरास भई, दिन दिन भटकी पल पल रहती,
दुनिया जिनको, दुनिया जिनको ठुकरा देती,
दुनिया जिनको ठुकरा देती, वो गौद बिठाये जाते हैं,
दरबार मे राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते
जो राधा राधा कहते है, वो प्रिया शरण में रहते हैं,
करती है कृपा, करती है कृपा वृषभानु सुता,
करती है कृपा वृषभानु सुता, वो ही महल बुलाये जाते हैं,
दरबार मे राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते हैं,
वो कृपा मई कहलाती है, रसिको के मन को भाती हैं,
दुनिया में जो, दुनिया में जो बदनाम हुए,
दुनिया में जो बदनाम हुए, पलकों पे बिठाये जाते हैं,
दरबार मे राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते हैं,
दरबार में राधा रानी के, दुःख दर्द मिटाये जाते हैं,
दुनिया से सताए लोग यहाँ, सीने से लगाए जाते हैं,
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