श्याम तू लीले चढ़ कर आजा भजन
ओ खाटू के बाबा श्याम, तू लीले चढ़ कर आजा,
तू लीले चढ़ कर आजा, भग्तां का कष्ट मिटा जा,
हो ज्या मन का पूरण काम, तू लीले चढ़ कर आजा,
तू लीले चढ़ कर आजा, तू लीले चढ़ कर आजा,
हो ज्या मन का पूरण काम, तू लीले चढ़ कर आजा,
नैया पड़ गई बीच भँवर में, भारी अथाह है या जल में,
नैया, हो नैयाँ,
हो नैयाँ हो रही डामा डोल, केवट बन पार लगा जा,
तू लीले चढ़ कर आजा, तू लीले चढ़ कर आजा,
हो ज्या मन का पूरण काम, तू लीले चढ़ कर आजा,
मैं गयो ना दूजे द्वारो, जो दिखे मोहे सहारो,
बाबा, हो बाबा,
बाबा थारो ही आधार, तू आकर कष्ट मिटा जा,
तू लीले चढ़ कर आजा, तू लीले चढ़ कर आजा,
हो ज्या मन का पूरण काम, तू लीले चढ़ कर आजा,
आलूसिंह कहे सुणो प्यारा, द्यो हुकुम होय निष्तारा,
घनश्याम को तू ही श्याम, तू लीले चढ़ कर आजा,
तू लीले चढ़ कर आजा, तू लीले चढ़ कर आजा,
हो ज्या मन का पूरण काम, तू लीले चढ़ कर आजा,
खाटू के बाबा श्याम, तू लीले चढ़ कर आजा,
तू लीले चढ़ कर आजा, तू लीले चढ़ कर आजा,
तू लीले चढ़ कर आजा, तू लीले चढ़ कर आजा,
हो ज्या मन का पूरण काम, तू लीले चढ़ कर आजा,
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