सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची मीनिंग

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची । नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची
सार्वांगी सुन्दर उटि शेंदुराची । कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति। दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ति|

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची मीनिंग Sukh karta Dukh Harta meaning

श्री गणेश जी का यह बहुत ही सुन्दर भजन / स्तुति है जिसे सुनने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं और श्री गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस स्तुति में श्री गणेश जी की आराधना करते हुए उनसे प्रार्थना की गयी है की वे हमारे समस्त दुखों को हर ले और जीवन में वैभव और सम्पन्नता लेकर आवें। 

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची मीनिंग Sukh karata Dukh Harta Meaning

"सुख कर्त्ता दुःख हर्ता " हिंदी लिरिक्स:-

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची । नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची।।
सार्वांगी सुन्दर उटि शेंदुराची । कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची।।
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति। दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ति।।

सुख करता दुखहर्ता वार्ता विघ्नची" का हिंदी में अर्थ /हिंदी मीनिंग

श्री गणेश जी भगवान जो साधक के समस्त दुखों को दूर करते हैं और सुख देने वाले हैं, वैभव और कार्य सिद्धि प्रदान करने वाले हैं । श्री गणेश समस्त दुखों को हरने वाले हैं बड़े ही दयालु हैं। ऐसे दयालु श्री गणेश भगवान् अपना प्यार और आशीर्वाद सब जगहों पर फैलाते हैं। श्री गणेश जी का बदन लाल और नारंगी है। श्री गणेश जी के गले में सुन्दर मुक्ताफल (मोतियों) की माला शुशोभित है। ऐसे सुन्दर और दयालु श्री गणेश जी भगवान् की के दर्शन मात्र से ही समस्त इच्छाओं की पूर्ति हो जाती है।

रत्नखचित फरा तुज गौरी कुमरा । चंदनाची उटि कुंकुमकेशरा ।।
हीरेजडित मुगुट शोभतो बरा । रुनझुनती नूपुरे चरनी घागरिया।।
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति । दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ति।। 

ट्रेंडिंग श्री गणेश भजन Ganesh bhajan:
हे श्री गणेश, गौरी पुत्र, यह रत्नजड़ित मुकुट आपके लिए है। आपके बदन पर चन्दन का लेप है और आपके आपके मस्तक पर केशर का तिलक शुशोभित है। हीरों और रत्नों से जडित मुकुट आप पर शुशोभित हो रहा है। आपके चरणों के नुपुर भी मधुर झंकार की ध्वनि पैदा कर रहे हैं। हे दयालु श्री गणेश जी महाराज आपकी दया और दर्शन मात्र से ही हमारी सभी मनोकानाएं पूर्ण हो जाती है।
लम्बोदर पिताम्बर फणिवर बंधना। सरळ तोंड वक्रतुंड त्रिनयना।।
दास रामाचा वाट पाहे सदना । संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे सुरवरवंदना।।
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति। दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ति।।
हे श्री गणेश जी महाराज आपका पेट बड़ा है (लम्बोदर) और आपने धोती पहनी हुई है। आपकी सूंड सरल और मुड़ी हुई है, आपके तीन आखें हैं, आप त्रिनयना हो। दास रामदास जी प्रार्थना है की मैं आपकी स्तुति और साधना स्वरुप ऐसा लिख रहा हूँ, आप हर संकट की घड़ी में मेरी रक्षा करो, मेरी सहायता करो और ऐसे मंगल मूर्ति के दर्शन मात्र से ही सुख मिलता है और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

English Lyrics : "Sukh Karta Dukh Harta"

Sukhkarta Dukhharta Varta Vighnachi,
Nurvi Purvi Prem Krupa Jayachi,
Sarvangi Sundar Uti Shendurachi ,
Kanti Jhalke Mal Mukataphalaanchi,
Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti,
Darshan Maatre Man: Kaamna Phurti,
Ratnakhachit Phara Tujh Gaurikumra,
Chandanaachi Uti Kumkumkeshara,
Hirejadit Mukut Shobhato Bara,
Runjhunati Nupure(2) Charani Ghagriya,
Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti,
Lambodar Pitaambar Phanivarvandana,
Saral Sond Vakratunda Trinayana,
Das Ramacha Vat Pahe Sadana,
Sankati Pavave Nirvani Rakshave Survarvandana,
Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti,

English Meaning of "sukh Karta Dukh Harta"

Shri Ganesh ji, The God who removes all the sufferings of the seeker and is the one who gives happiness, is the one who provides glory and work accomplishment in all respects of life. Lord Ganesha is the one to defeat all sorrows and evil. Such kind Lord Shri Ganesha spreads his love and blessings everywhere. Shri Ganesh's body is red and orange in looks.

 

सुखकर्ता दुःखहर्ता (गणपती आरती) - जय देव जय देव || JAI DEV JAI DEV - SUKH KARTA DUKH HARTA (AARTI) 
 
O Lord Shri Ganesha Ji Maharaj, your stomach is big (tall) and you are wearing a dhoti (a kind of cloth). Your trunk is simple and curved, you have three eyes, so you are called Trinayana. Ramdas ji is praying that I am writing like this as your praise and my spiritual practice, you protect me in every moment of crisis, help me and only the sight of such a Mars idol gives you happiness and all desires are fulfilled.

गणेश सबसे लोकप्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उन्हें बुद्धि, ज्ञान, और सफलता के देवता के रूप में जाना जाता है। वे भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। गणेश की उत्पत्ति के कई पौराणिक कथाएँ हैं। एक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने देवी पार्वती के शरीर के मैल से गणेश की रचना की थी।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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2 टिप्पणियां

  1. Excelkent way of description...Thnx🙏
  2. SUKH KARA DUKH HARTA AARTI MEI ADHI AARTI KI HINDI KARI HAI, KRIPYA PURI AARTI KI HINDI LIKHE TO OR ACHCHA HOGA.