तेरी रहमत का जिसे सतगुरु सहारा मिल गया भजन
तेरी रहमत का जिसे सतगुरु सहारा मिल गया,
उसको भवसागर का सचमुच ही किनारा मिल गया,
फिर उसे दर दर भटकने की कहाँ हाजत रही,
जिसको तेरे नूरी जलवे का नज़ारा मिल गया,
जिसने दिल तुझको दिया सब कुछ उसी ने पा लिया,
गोया बरकत का ख़ज़ाना उसको सारा मिल गया,
दायिमि राहत मिली मेरे दिले नाशाद को,
फ़ख़र है मुझको मेरा दिलदार प्यारा मिल गया,
दो जहाँ की दौलतें उसकी नज़र में हेच है,
प्यार जिसको मेरे सतगुरु जी तुम्हारा मिल गया,
तेरे कदमों में ठिकाना मिल गया जब दास को,
अपनी किस्मत का मुझे रोशन सितारा मिल गया,
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