वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में ख़ुशबू बिहारी जी की आती है लिरिक्स Vrindavan Ki In Kunj Galin Me Bhajan Lyrics
स्वर्ग में कहाँ मधुर ध्वनि राधे राधे की,
स्वर्ग में कहा कलित कुञ्ज अभिराम है,
स्वर्ग में है कहाँ है भीड़ गोपी ग्वाल ग्वालन की,
स्वर्ग में कहाँ माँ नैया यमुना अभिराम है,
स्वर्ग में सरस ब्रिज भाषा का प्रचार कहाँ,
स्वर्ग में कहाँ माखन चोर घनश्याम है,
स्वर्ग में अमित सुख इतना अपार कहां,
स्वर्ग से भी श्रेष्ठ मेरो वृन्दावन धाम है,
स्वर्ग से भी श्रेष्ठ मेरो वृन्दावन धाम है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
मन में समा के मुझे मदहोश बना के,
दर पे बिहारी के ले जाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
ऐसी सुगंध छाई है चहूँ ओरी,
रसिकों को खींच लेती, बाँध प्रेम डोरी,
जग को भुलाये, महक ये दिल में समायें,
प्रेमियों के मन को ये भाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
धन्य वृन्दावन में बहे पुरवैया
लता पता महके, फूल और कलियाँ,
पुष्प पुष्प में, हर कली काली में,
दिव्य सुगंध भर आती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
इक बार आके यहाँ कर ले विचरण,
कण कण सुगंधित, है वातावरण,
खुद महकोगे,सब को महकाओगे,
ये खुशबु जीवन महकाती है
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
ऐसी सुगंध छाई है चहूँ ओरी,
रसिकों को खींच लेती, बाँध प्रेम डोरी,
जग को भुलाये, महक ये दिल में समायें,
प्रेमियों के मन को ये भाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
जब से लगा है, वृन्दावन का चस्का,
बन गए पागल पीके, प्याला प्रेम रस का,
सुन लो मित्र, कहे ये "चित्र विचित्र",
ये जीवन पवित्र बनाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
स्वर्ग में कहा कलित कुञ्ज अभिराम है,
स्वर्ग में है कहाँ है भीड़ गोपी ग्वाल ग्वालन की,
स्वर्ग में कहाँ माँ नैया यमुना अभिराम है,
स्वर्ग में सरस ब्रिज भाषा का प्रचार कहाँ,
स्वर्ग में कहाँ माखन चोर घनश्याम है,
स्वर्ग में अमित सुख इतना अपार कहां,
स्वर्ग से भी श्रेष्ठ मेरो वृन्दावन धाम है,
स्वर्ग से भी श्रेष्ठ मेरो वृन्दावन धाम है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
मन में समा के मुझे मदहोश बना के,
दर पे बिहारी के ले जाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
ऐसी सुगंध छाई है चहूँ ओरी,
रसिकों को खींच लेती, बाँध प्रेम डोरी,
जग को भुलाये, महक ये दिल में समायें,
प्रेमियों के मन को ये भाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
धन्य वृन्दावन में बहे पुरवैया
लता पता महके, फूल और कलियाँ,
पुष्प पुष्प में, हर कली काली में,
दिव्य सुगंध भर आती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
इक बार आके यहाँ कर ले विचरण,
कण कण सुगंधित, है वातावरण,
खुद महकोगे,सब को महकाओगे,
ये खुशबु जीवन महकाती है
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
ऐसी सुगंध छाई है चहूँ ओरी,
रसिकों को खींच लेती, बाँध प्रेम डोरी,
जग को भुलाये, महक ये दिल में समायें,
प्रेमियों के मन को ये भाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
जब से लगा है, वृन्दावन का चस्का,
बन गए पागल पीके, प्याला प्रेम रस का,
सुन लो मित्र, कहे ये "चित्र विचित्र",
ये जीवन पवित्र बनाती है,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
वृन्दावन की इन कुञ्ज गलिन में,
ख़ुशबू बिहारी जी की आती है,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- माधव मेरे जब से मैंने तुमसे नेह लगाया है लिरिक्स Madhav Mere Jabse Lyrics
- मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सर झुकाना लिरिक्स Mujhe Raas Aa Gaya Hai Lyrics
- मन बसिया ओ कान्हा लिरिक्स Man Basiya O Kanha Lyrics
- कन्हैया ले चल परली पार लिरिक्स Kanhaiya Le Chal Paralipar Lyrics
- जय भगवद् गीते भागवत गीता आरती लिरिक्स Bhagwat Geeta Aarti Lyrics
- मेरे बाबा श्याम का Birthday आ गया लिरिक्स Mere Baba Shyam Lyrics