म्हारे सिर पे साँवरिया रो हाथ लिरिक्स Mhare Sir Pe Sanwariya Ro Hath Lyrics

म्हारे सिर पे साँवरिया रो हाथ लिरिक्स Mhare Sir Pe Sanwariya Ro Hath Lyrics

 
म्हारे सिर पे साँवरिया रो हाथ लिरिक्स Mhare Sir Pe Sanwariya Ro Hath Lyrics

म्हारे सागे म्हारो खाटू वाळो श्याम, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,
म्हारे सिर पे साँवरिया रो हाथ, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,

लीले को असवारी है यो बाबो खाटू वाळो,
तीन बाण धारी, बलकारी है म्हारों रखवाळो,
म्हारो ध्यान राखे बाबो, दिन रात, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,
म्हारे सागे म्हारो खाटू वाळो श्याम, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,

शीश को दानी है दुनियाँ में, लखदातार कुहावै,
दीन दुखी और हारयोड़ा को, हरदम साथ निभावे,
यो तो सदा ही बचावे म्हारी लाज़, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,
म्हारे सागे म्हारो खाटू वाळो श्याम, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,
म्हापे जद भी विपदा आवे, म्हारों मन घबरावे,
म्हारे सिर पे साँवरो अपनी मोर छड़ी लहरावे,
सारो संकट ही कट जावे हाथों हाथ, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,
म्हारे सागे म्हारो खाटू वाळो श्याम, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,

"सोनू" (सुनील गुप्ता जी -'सोनू' ) म्हें तो छोड़ दी, सारी झूठी दुनियाँ दारी,
श्याम धणी के हाथ में सौंपी, सारी जिम्मेदारी,
म्हारों पालण हारो, तिरलोकि को नाथ, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,
म्हारे सागे म्हारो खाटू वाळो श्याम, तो म्हानें है फ़िकर क्यांकि,


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