Dil Ghabraye Sanvare man Vyakul Ho Jaye
दिल घबराये सांवरे मन व्याकुल हो जाए
हमको उमीदें एक तुम्ही से आके ना धीर बँधाये
किस बात की ये कैसी सज़ा है तेरी रजा में अपनी रजा है
माना के देरी होती यहाँ है पर सांवरे ये तो इंतिहा है
दुनिया बड़ी रुलाती मुझे अकेला समझ कर सताती मुझे
थक गए हम सितम सहते सहते क्यों ना हमें तू हंसाएं,
आ जाओ साँवरे,
सभी ये जताते दयालु बड़े तुम दशा देख फिर भी क्यों गुमसुम खड़े तुम
हारों के खातिर हर दम लाडे तुम मेरी और फिर क्यों ज़रा ना बढे तुम
जो तू ना सुने सुनाऊ किसे बेगानो में अपना बनाऊं किसे
अब फिरा हाथ कृपा का शरण हम है सर को झुकाये
नज़रें फिराओ एक बार निहारो ज़रा गौर मुझ पर करके विचारो
नहीं दूजे दर गोलू कभी भी गया हूँ तुझी से कहा था तुझी से कहा हूँ
जुडी हैं उम्मीदें तुम्ही से मेरी जो हारा मैं बाबा जाए तेरी
अब लगा ले गले से मुझे तू खड़ा हूँ मैं फैला के बाहें
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