नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में भजन
नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में,
फल मिलता है सब तीर्थों का बाला जी तुम्हारे चरणों में,
मैं जनम जनम से भटका हूँ अब शरण तुम्हारी आया हूँ,
हम भूले भटके जीवों का कल्याण तुम्हारे चरणों में,
नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में,
दुखियों के कष्ट मिटाते है, दुःख लेकर सुख पहुंचाते,
मिले जनम मरण से छुटकारा जो आये तुम्हारे चरणों में
नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में,
इक बार जो दर्शन पाता है दिल तुम को ही दे जाता है
क्या खूब भरे है भगति के भण्डार तुम्हरे चरणों में ,
नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में,
जन्मो का बिछड़ा शरण पड़ा मैं हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़ा,
चौरासी का काटो बंधन ये है दास तुम्हारे चरमो में,
नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में,
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Album Name: Balaji Ki Mahima Nirali- Song - Nit Prem Ki Ganga Behti Hai
- Singer - Ramavtar Sharma
- Writer - Rakesh Dhama
- Music - Ashok Babbu
- Label - Ambey Bhakti
- Parent Label(Publisher) - Shubham Audio video Private Ltd
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Author - Saroj Jangir
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