छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा भजन
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा,
के जैसे मंदिर में लौ दीये की,
तुम अपने चरणों में रखलो मुझकों,
तुम्हारे चरणों का फूल हूँ मैं,
मैं सिर झुकाए खड़ी हूँ प्रीतम
के जैसे मंदिर में लौ दीये की,
य सच है जीना था पाप तुम बिन,
ये पाप मैंने किया है अब तक,
मगर है मन में छवि तुम्हारी,
के जैसे मंदिर में लौ दीये की,
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा,
के जैसे मंदिर में लौ दीये की,
फिर आग विरहा की, मत लगाना,
के जल के मैं राख हो चुकी हूँ,
ये राख माथे पे मैंने रख ली,
ये राख माथे पे मैंने रख ली,
के जैसे मंदिर में लौ दीये की,
छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा,
के जैसे मंदिर में लौ दीये की,
तुम अपने चरणों में रखलो मुझकों,
तुम्हारे चरणों का फूल हूँ मैं,
मैं सिर झुकाए खड़ी हूँ प्रीतम
के जैसे मंदिर में लौ दीये की,
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Singer - Tara DeviLyrics - TraditionalMusic - Amit Singh
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