अंतर भीगे, आत्मा, तो हरियो बनराज, सतगुरु आवत देखिया, ज्यारे काँधे लाल बंदूक, गोली दागी हरी नाम री, भाग गया जमदूत,
म्हारा सतगुरु दीवी रे बताय, दलाली हीरा लालन की, म्हारां सतगुरु दीनी रे बताय, दलाली हीरा लालन की,
लाली लाली सब कहे रे, सबके पल्ले लाल, गाँठ खोल परखी नहीं रे, इन विध भयो रे कंगाल, म्हारां सतगुरु दीवी रे बताय, दलाली हीरा लालन की, म्हारां सतगुरु दीनी रे बताय, दलाली हीरा लालन की,
लाल पड़ी मैदान में रे, सब कोई लान्घ्यो जाय, नुगरे ठोकर मार दीनी, सुगरे तो लीवी रे उठाय,
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म्हारा सतगुरु दीवी रे बताय, दलाली हीरा लालन की, म्हारां सतगुरु दीनी रे बताय, दलाली हीरा लालन की,
इधर से अंधा आविया, उधर से अंधा जाय, अँधा से आंधा मिले रे, मारग (राह ) कुण तो बताय, म्हारा सतगुरु दीवी रे बताय, दलाली हीरा लालन की, म्हारां सतगुरु दीनी रे बताय, दलाली हीरा लालन की,
माखी बैठी शहद पर रे, पँखुड़ियाँ लिपटाय, उड़ने रा सासा पड़े रे, लालच बुरी रे बलाय,
म्हारा सतगुरु दीवी रे बताय, दलाली हीरा लालन की, म्हारां सतगुरु दीनी रे बताय, दलाली हीरा लालन की,
लाली लाली सब कहे रे, लाली लखी न जाय, लाली लखी रे दास कबीर, आवा रे गमन मिट जाय, म्हारा सतगुरु दीवी रे बताय, दलाली हीरा लालन की, म्हारां सतगुरु दीनी रे बताय, दलाली हीरा लालन की,
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