मीरा भी हारी थीं, गिरधर को पायी थी, विष अमृत कर पाया, मोहन को रिझाई थीं, ननों में श्याम बसा, विष पान किया करना,
हारे का साथी है, सदा हार के तू रहना,
नरसिहं जब हारा था, सांवरिया आया था, धर भेष सेठिये का, क्या माल लुटाया था, तारोँ से तार मिला, मन पीड़ा सुना देना, हारे का साथी है, सदा हार के तू रहना,
एक मित्र सुदामा था, सर्वस्व अपना हारा,
Krishna Bhajan Lyrics Hindi,Sanjay Mittal Bhajan Lyrics in Hindi
इस मुरली मनोहर ने, अपना सबकुछ वारा, तू दीनहींन बनकर, चरणोँ में रहा करना, हारे का साथी है, सदा हार के तू रहना,
घनश्याम से प्रीत लगा, देखो भक्त वत्सल हारे, हारी हुई बाज़ी को, श्री श्याम जीता डाले, कहे श्याम बहादुर तू, दर पे दे दे धरना, हारे का साथी है, सदा हार के तू रहना,
गर श्याम से मिलना है, एक बात समझ लेंना, हारे का साथी है, सदा हार के तू रहना,
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