श्री शालिग्राम जी सुनों विनती हमारी
श्री शालिग्राम जी सुनों विनती हमारी
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
प्रातः समय उठ मंजन करके,
प्रेम सहित मैं स्नान कराऊँ,
चन्दन धूप, दीप तुलसी दल,
वरण वरण के पुष्प चढ़ाऊँ,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
आप बिराजो प्रभु, रतन सिंहासन,
घंटा शंख, मृदंग, बजाऊं,
एक बून्द चरणामृत लेके,
कुटुंब सहित बैकुंठ पठाऊँ,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
जो कुछ भोग मिले मोकु,
भोग लगा कर भोजन पाऊँ,
जो कुछ पाप किया काया से,
प्रकर्मा के साथ बहाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
डर लागत मोहे भव सागर को,
जम के द्वार प्रभु नहीं जाऊँ,
माधो दास आस रघुवर की,
हरी दासन को दास कहाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
प्रातः समय उठ मंजन करके,
प्रेम सहित मैं स्नान कराऊँ,
चन्दन धूप, दीप तुलसी दल,
वरण वरण के पुष्प चढ़ाऊँ,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
आप बिराजो प्रभु, रतन सिंहासन,
घंटा शंख, मृदंग, बजाऊं,
एक बून्द चरणामृत लेके,
कुटुंब सहित बैकुंठ पठाऊँ,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
जो कुछ भोग मिले मोकु,
भोग लगा कर भोजन पाऊँ,
जो कुछ पाप किया काया से,
प्रकर्मा के साथ बहाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
डर लागत मोहे भव सागर को,
जम के द्वार प्रभु नहीं जाऊँ,
माधो दास आस रघुवर की,
हरी दासन को दास कहाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
श्री शालिग्राम जी सुनों, विनती हमारी,
सुनों अरज हमारी सुनों,
जो वरदान दया कर पाऊं,
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Singer : Nanu Gurjar
Label : Sanskar Bhajan
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