बार बार पइयाँ पडूँ बिरज की नगरियाँ भजन
बार बार पइयाँ पडूँ बिरज की नगरियाँ,
पीया घुमाय दीज्यो रे, पीया घुमाय दीज्यो रे,
बिहारी लाल जी के दर्शन कराय दीज्यो रे,
यमुना जल पान करूँ, राधा जी को ध्यान धरूँ,
बृज की लता भूमि पर हरि गुण गान करूँ,
यमुना किनारे मिले साँवरे सांवरियां रे,
पीया घुमाय दीज्यो रे, पीया घुमाय दीज्यो रे,
बिहारी लाल जी के दर्शन कराय दीज्यो रे,
केश घाट, चीर घाट, काली नाग, नाथू श्याम,
कदम खंडी कुञ्ज गली, एसो है अनोखों धाम,
कुञ्ज गली राधा से मिला दे नजरियाँ,
पीया घुमाय दीज्यो रे, पीया घुमाय दीज्यो रे,
बिहारी लाल जी के दर्शन कराय दीज्यो रे,
सपनें में आधी रात, बाँसुरी की तान सुनी,
बृज की निराली भूमि, कथा बीच जान सुनी,
तुम्हरे संग करते खाते ,बीती उमरियाँ,
पीया घुमाय दीज्यो रे, पीया घुमाय दीज्यो रे,
बिहारी लाल जी के दर्शन कराय दीज्यो रे,
हाथ की मुन्दरियां बेचूँ, लेकिन पिया साथ चलूँ,
बृज के करुँगी दर्शन साँवरे से बात करूँ,
प्रेमी सजनवा झलके प्रेम की गगरियाँ
पीया घुमाय दीज्यो रे, पीया घुमाय दीज्यो रे,
बिहारी लाल जी के दर्शन कराय दीज्यो रे,
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Author - Saroj Jangir
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