भोला मस्त मलंग हंसराज रघुवंशी
भोला मस्त मलंग शिव भजन हंसराज रघुवंशी
महलों की रानी राजकुमारी
क्यूँ बंध गई तेरे संग,
तू भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो,
तेरा भोला मस्त मलंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो,
युगों युगों से तेरी मेरी कहानी,
तू मेरा दीवाना मैं तेरी दीवानी,
क्यों ना रंगू मैं तेरे रंग,
तू भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग, भोला मस्त मलंग,
गौरा ने बीज लई हरी हरी मेहन्दी,
मेरे भोले ने बीज लई भंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
तू पीवे भोले भाँग धतूरा
संग तूने बिठाया झुंड भूतों का पूरा
वो हो गयी रे यूं तंग
तू भोला मस्त मलंग
भोला मस्त मलंग, भोला मस्त मलङ्ग
गौरा दी उग गयी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले दी उग गयी भंग अड़ियो
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
सबको तू देवे महल बनारे
मुझकों बिठाया कैलाशों के किनारें,
जाने ना दिल की तू उमंग
भोला मस्त मलंग,
गौरा ने तोड़ लई हरी हरी मेहंदी,
मेरे भोले ने तोड़ लई भंग अड़ियो
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
मैं ओडु भोले सालो दो साले
तू ओड़े भोले मृग की छालें,
मुझको ना भावे तेरा ढंग
तू भोला, मस्त मलंग
भोला मस्त मलंग,
क्यूँ बंध गई तेरे संग,
तू भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो,
तेरा भोला मस्त मलंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो,
युगों युगों से तेरी मेरी कहानी,
तू मेरा दीवाना मैं तेरी दीवानी,
क्यों ना रंगू मैं तेरे रंग,
तू भोला मस्त मलंग,
भोला मस्त मलंग, भोला मस्त मलंग,
गौरा ने बीज लई हरी हरी मेहन्दी,
मेरे भोले ने बीज लई भंग अड़ियो,
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
तू पीवे भोले भाँग धतूरा
संग तूने बिठाया झुंड भूतों का पूरा
वो हो गयी रे यूं तंग
तू भोला मस्त मलंग
भोला मस्त मलंग, भोला मस्त मलङ्ग
गौरा दी उग गयी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले दी उग गयी भंग अड़ियो
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
सबको तू देवे महल बनारे
मुझकों बिठाया कैलाशों के किनारें,
जाने ना दिल की तू उमंग
भोला मस्त मलंग,
गौरा ने तोड़ लई हरी हरी मेहंदी,
मेरे भोले ने तोड़ लई भंग अड़ियो
गौरा हो गयी तंग अड़ियो
मैं ओडु भोले सालो दो साले
तू ओड़े भोले मृग की छालें,
मुझको ना भावे तेरा ढंग
तू भोला, मस्त मलंग
भोला मस्त मलंग,
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मेरा गाना जो फरवरी 2019 में डमरूवाला आया था जो भोला हे भंडारी के नाम से विख्यात हुआ जिसे आप सबने बहुत प्यार दिया मैं तहेदिल से आप सबका धन्यवाद करता हूं | आज 19 July को मेरा गाना भोला मस्त मलंग release हुआ है | मेरा यह Song गलवान घाटी में 15th June को शहीद हुए हमारे सैनिकों के बलिदान को समर्पित है | मैं तहे दिल से भारतीय सेना का धन्यवाद करता हूं | इस गाने में सुरेश वर्मा जी ने हिमाचली folk गाया हे | आज पूरा विश्व कोविद-19 महामारी से त्रस्त है , मैं भोले शंकर से प्रार्थना करता हूं कि सबको इस बीमारी से जल्द से जल्द मुक्त करें | इस गाने के माध्यम से मैं अपने सारे Worldwide Fans का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया और Inspire किया भोला मस्त मलंग बनाने के लिए, जिसका बहुत समय से सबको इंतज़ार था | मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है की आप सब इस गाने को भी बहुत प्यार देंगे |
महलों की रानी गौरा कैसे बंध गई भोले के संग, वो मस्त मलंग बनकर कैलाश के किनारे बस गईं। युगों से चली आ रही ये प्रेम कहानी है, जहां दीवाना-दीवानी का रंग ही सब कुछ रंग देता है। गौरा ने हरी मेहंदी लगाई तो भोले ने भंग की बीज बो दी, धतूरा पीकर भूतों का झुंड संग बिठा लिया, गौरा तंग हो गईं पर दिल न छोड़ा।
सबको महल बांटने वाले भोले ने गौरा को पहाड़ी किनारा दिया, मृग की छालें ओढ़ीं तो गौरा सालों के कपड़े पहन लीं, फिर भी ढंग न भाया। सावन की ये लीला याद दिलाती है कि भोले का प्रेम वैराग्य से भरा है, भांग-भस्म में मस्ती छिपी है। गौरा ने मेहंदी तोड़ दी तो भोले भंग तोड़ लाए, ये नोकझोंक ही तो शिव-पार्वती का सार है।
सबको महल बांटने वाले भोले ने गौरा को पहाड़ी किनारा दिया, मृग की छालें ओढ़ीं तो गौरा सालों के कपड़े पहन लीं, फिर भी ढंग न भाया। सावन की ये लीला याद दिलाती है कि भोले का प्रेम वैराग्य से भरा है, भांग-भस्म में मस्ती छिपी है। गौरा ने मेहंदी तोड़ दी तो भोले भंग तोड़ लाए, ये नोकझोंक ही तो शिव-पार्वती का सार है।
Singer: Hansraj Raghuvanshi/Suresh Verma
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Lyrics & composer: Hansraj Raghuwanshi
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