ओढ़ो जी ओढ़ो दादी म्हारी भजन

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी म्हारी भी चुनरिया

(मुखड़ा)
ओढ़ो जी, ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया, थारा बालकिया,
ओढ़ो म्हारी भी चुनरिया,
ओढ़ो जी, ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।

(अंतरा)
राचणी मेहंदी थारे,
हाथां में लगावा,
गजरो बनावा थारे,
जुड़े में सजावा,
फूल मंगाया बढ़िया-बढ़िया,
ओढ़ो म्हारी भी चुनरिया,
ओढ़ो जी, ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।

दादी जी, आओ थारे,
भोग लगावा,
हलवा-पूड़ी, मेवा का,
थाल सजावा,
खीर बनवाई, दादी केसरिया,
ओढ़ो म्हारी भी चुनरिया,
ओढ़ो जी, ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।

चुनड़ी ओढ़ाया, म्हारो मान बढ़ेगो,
और भी थारो, सिंगार खिलेगो,
‘सोनू’ सरावेगी या सारी दुनिया,
ओढ़ो म्हारी भी चुनरिया,
ओढ़ो जी, ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।

(पुनरावृति)
ओढ़ो जी, ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया, थारा बालकिया,
ओढ़ो म्हारी भी चुनरिया,
ओढ़ो जी, ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।


दादी की चुनड़ी का लाजवाब भजन | RaniSati Dadi Chunri Bhajan | New Dadi Ji Bhajan | Dadi Bhajan 2021
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