कोई माला फेरे कोई ऊँचा टेरे
कोई माला फेरे, कोई ऊँचा टेरे,
कोई माथे तिलक लगावे,
जो ध्यावे मन से प्रभु को,
वो ही प्रभु को पावे,
माया फेरत जग भयो,
गया ना मन का फेर,
करका मन का डार दे,
और मन का मनका फेर,
कोई माला फेरे, कोई ऊँचा टेरे,
पाथर पूजे हरी मिले,
तो मैं पुजू पहाड़,
घर की चाकी कोउ ना पूजे,
जाको पीसो खाय रे,
कोई माला फेरे, कोई ऊँचा टेरे,
कांकर पाथर जोर के,
मस्जिद दे बनाय,
ता चढ़ी मुल्ला बांग दे,
क्या बहरा हुआ खुदाय,
कोई माला फेरे, कोई ऊँचा टेरे,
कोई माला फेरे, कोई ऊँचा टेरे,
कोई माथे तिलक लगावे,
जो ध्यावे मन से प्रभु को,
वो ही प्रभु को पावे,
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Satsangi Bhajan: Koi Mala Phere
Singer: Jaswant Singh
Music Director: Jaswant Singh
Lyricist: Kabirdas
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Author - Saroj Jangir
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