राधा झूला झूल रही संग श्याम के
सावन की बरसी ठंडी फुहार,
पेड़ो पे झूलों की लगी कतार,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के।
श्याम की बासुरियाँ, गीत मल्हार के गा रही है,
बादलों से जैसे, आज मोती से बरसा रही है,
पवन चले पुरवाई,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के।
कूकती है कोयल, पिहुँ पिहुँ पपीहा पुकारे,
हर कदम्ब की डाली, बोले आओ साँवरिया हमारे,
झूलन की रुत आयी,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के।
इस युगल छवि का, कौन बन जाएगा ना दीवाना,
राधा जू शमा सी, परवानें से लगते है कान्हा,
छवि मेरे मन भायी,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के।
ग्वाल बाल सखियां, आज हो के मगन नाचते हैं,
हाथ जोड़ इनसे, आशीर्वाद सब माँगते हैं,
महिमा जाएँ ना गायी,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के।
सावन की बरसी ठंडी फुहार,
पेड़ो पे झूलों की लगी कतार,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के,
राधा झूला झूल रही, संग श्याम के।
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Radha Jhula Jhul Rahi · Pradeep Ashirwd · Singer : Divya Ashirwad
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