ऐसो नहीं है जनम बारम्बार भजन लिरिक्स Aiso Nahi Hai Janam Barambaar Lyrics

ऐसो नहीं है जनम बारम्बार भजन लिरिक्स Aiso Nahi Hai Janam Barambaar Lyrics


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ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,
पूरब ले ( पूर्व के ) पुण्य पायो रे प्राणी,
मानुष जनम अवतार,

गरब में तुम कौल कियो रे,
भूल्यो फिरे गँवार,
भाई भूल्यो फिरे गँवार,
उत्तर काई देवसी रे,
साहिब के घर बार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,
पूरब ले पुण्य पायो रे प्राणी,
मानुष जनम अवतार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,

घटते पल पल बढ़ते छिन छिन,
जाता नहीं लागे बार,
भाई रे जाता नहीं लागे बार,
तरुवर से पण (पत्ता ) गिर पड्यो रे,
भँवरी ना लागे उन बार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,
पूरब ले पुण्य पायो रे प्राणी,
मानुष जनम अवतार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,

भवसागर अति उनड्यो भरियो रे,
बाह रह्यो मँझधार,
भाई रे बाह रह्यो मँझधार,
राम नाम के बैठ नैयाँ में,
उतरो भव जल पार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,
पूरब ले पुण्य पायो रे प्राणी,
मानुष जनम अवतार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,

काम क्रोध मद लोभ में रे,
मोह बंध्यो संसार,
भाई रे मोह बंध्यो संसार,
दास मीरा लाल गिरधर,
केवल नाम अधार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,
पूरब ले पुण्य पायो रे प्राणी,
मानुष जनम अवतार,
ऐसो नहीं है जनम बारम्बार,
***
डेफरेन्सेस लिरिक्स
नहिं एसो जनम बारंबार,
का जानूं कछु पुन्य प्रगटे मानुसा अवतार,
बढत छिन छिन घटत पल-पल जात न लागे बार,
बिरछके ज्यूं पात टूटे लगें नहीं पुनि डार,
भौसागर अति जोर कहिये अनंत ऊंडी धार,
रामनाम का बांध बेडा उतर परले पार,
ज्ञान चोसर मंडा चोहटे सुरत पासा सार,
साधु संत महंत ग्यानी करत चलत पुकार,
दासि मीरा लाल गिरधर जीवणा दिन च्यार,
ओरिजिनल मीरा बाई भजन लिरिक्स
नहिं ऐसो जनम बारम्बार।
का जानूँ कछु पुण्य प्रगटे मानुसा अवतार।
बढ़त छिन छिन घटत पल पल जात न लागे वार।
बिरछ के ज्यों पात टूटे बहुरि न लागे डार।
भौसागर अति जोर कहिये अनँत ऊँडी धार।
राम नाम का बाँध बेड़ा उतर परले पार।
ज्ञान-चोसर मँडी चोहटे सुरत पासा सार।
या दुनिया में रची बाजी जीत भावें हार।
साधु सन्त महन्त ज्ञानी चलत करत पुकार।
दास मीराँ लाल गिरधर जीवणा दिन च्यार


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