मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया लिरिक्स मीनिंग Misari Ko Baag Laga De Rasiya
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे,
खारी लागे म्हाने खारी लागे,
नीम की निम्बोली म्हानें खारी लागे,
रंग रंगीला म्हारां साहेब थे तो,
थांकी साँवली सूरत मतवाली लागे,
नीम की निम्बोळी म्हाने खारी लागै,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
सामली पड़ौसन तीखो सुरमो सारे,
ठुमका करती छम छम चाले,
बा तो फुट्योड़ी सी म्हाने इक झारी लागे,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
उजड़ी सी म्हाने इक क्यारी लागे,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोळी म्हाने खारी लागै,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
थे भी तो बीने लुक छिप ताको,
खिड़की खोलो झुक झुक ताको,
म्हाने सामली पड़ोसन कामणकारी लागे,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
म्हे साहेब थाने लागूं हूँ पुराणी,
इसी बातां मत कर सुण ले ऐ स्याणी,
तू तो म्हाने रूप की धिराणी लागे,
प्यारी प्यारी म्हारी घरआली लागे,
मिसरी को बाग़ लगासा गौरी ऐ,
नीम की निम्बोली थाने खारी लागे,
मिशरी को बाग लगा दे रसियां,
नीम की निम्बोळी म्हाने खारी लागै,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे,
खारी लागे म्हाने खारी लागे,
नीम की निम्बोली म्हानें खारी लागे,
रंग रंगीला म्हारां साहेब थे तो,
थांकी साँवली सूरत मतवाली लागे,
नीम की निम्बोळी म्हाने खारी लागै,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
सामली पड़ौसन तीखो सुरमो सारे,
ठुमका करती छम छम चाले,
बा तो फुट्योड़ी सी म्हाने इक झारी लागे,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
उजड़ी सी म्हाने इक क्यारी लागे,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोळी म्हाने खारी लागै,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
थे भी तो बीने लुक छिप ताको,
खिड़की खोलो झुक झुक ताको,
म्हाने सामली पड़ोसन कामणकारी लागे,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
म्हे साहेब थाने लागूं हूँ पुराणी,
इसी बातां मत कर सुण ले ऐ स्याणी,
तू तो म्हाने रूप की धिराणी लागे,
प्यारी प्यारी म्हारी घरआली लागे,
मिसरी को बाग़ लगासा गौरी ऐ,
नीम की निम्बोली थाने खारी लागे,
मिशरी को बाग लगा दे रसियां,
नीम की निम्बोळी म्हाने खारी लागै,
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया,
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे।
मिसरी को बाग़ लगा दे रसिया : नायिका, नायक से ठिठोली/छेड़ते हुए कहती है की नीम की निमोली (नीम का बीज जो पकने पर हल्का सा मीठा हो जाता है, जिसे अक्सर लोग खाते हैं। निमोली को तोते विशेष रूप से इसे खाते हैं। ) यहाँ पर कुछ छेड़ने का भाव है जिसमे नायिका व्यंग्य करती है की उसके लिए मिसरी का बाग़ लगा दो, क्योंकि नीम की निमोली मुझको खारी लगती है।
नीम की निम्बोली म्हाने खारी लागे : नीम की निमोळी (नीम का बीज जो पकने के उपरान्त ऊपर से मीठा हो होता है ). नीम की निमोली मुझको खारी लगती है। म्हाने -मुझको, खारी लागे-कड़वी लगती है।
खारी लागे म्हाने खारी लागे : म्हाने-मुझको, नीम की निमोली मुझको मुझको खारी लगती है।
रंग रंगीला म्हारां साहेब थे तो : आप (पति) तो मेरे रंग रंगीला साहेब (स्वामी) हो।
थांकी साँवली सूरत मतवाली लागे : मुझे आपकी साँवली सुरतिया मतवाळी लगती है।
सामली पड़ौसन तीखो सुरमो सारे : सामने के घर पर जो पडोसन रहती है वह तीखा काजल (सूरमा) निकालती (सारना ) है।
ठुमका करती छम छम चाले : वह तो एड़ी के सहारे पांवों को बल देकर इठलाती/इतराती हुई छम छम करती हुई चलती है।
बा तो फुट्योड़ी सी म्हाने इक झारी लागे : बा-वह, फूट्योड़ी -फूटी हुई, खंडित, सी- की तरहा से, झारी-मटकी।
सामने जो पड़ोसन रहती है वह तीखा काजल लगाती है और इठलाती हुई चलती है। लेकिन मुझे (नायिका ) तो वह एक टूटा फूटा हुआ मटका लगती है।
उजड़ी सी म्हाने इक क्यारी लागे : मुझे तो वह एक उजड़ी हुई सी क्यारी लगती है। क्यारी-सब्जी, फूलों आदि को उगाने के लिए खेत में से एक छोटा हिस्सा, जिसे क्यारी कहते हैं।
थे भी तो बीने लुक छिप ताको : आप (पति) भी तो उसे (सामने वाली पड़ोसन) को छिप कर देखते हो, ताकते रहते हो। थे भी तो -आप भी तो, बीने -उसे, ताको-निहारते हो।
खिड़की खोल झुक झुक ताको : खिड़की खोल कर उसे झुक झुक कर देखते हो।
म्हाने सामली पड़ोसन कामणकारी लागे : मुझे तो सामने वाली पड़ोसन कामुक (अपने जाल में फँसाने वाली ) लगती है।
म्हे साहेब थाने लागूं हूँ पुराणी : मैं तो अब आपको पुरानी लगने लग गई हूँ।
इसी बातां मत कर सुण ले ऐ स्याणी : इस पर नायक कहता है की तुम सुनों, ऐसी बात मत करो, तुम समझदार हो। इसी बातां- ऐसी बातें, स्याणी- समझदार, विवेकशील।
तू तो म्हाने रूप की धिराणी लागे : तुम तो मुझको रूप की रानी लगती हो।
प्यारी प्यारी म्हारी घरआली लागे : मुझे तो तुम प्यारी प्यारी घरवाली लग रही हो।
मिसरी को बाग़ लगासा गोरि ए : आपके लिए गौरी, मिसरी का बाग़ भी लगाएंगे, लगास्या-लगाएंगे।
नीम की निम्बोली थाने खारी लागे : नीम की निमोली आपको (थाने) खारी लगती है।
खारी लागे म्हाने खारी लागे : म्हाने-मुझको, नीम की निमोली मुझको मुझको खारी लगती है।
रंग रंगीला म्हारां साहेब थे तो : आप (पति) तो मेरे रंग रंगीला साहेब (स्वामी) हो।
थांकी साँवली सूरत मतवाली लागे : मुझे आपकी साँवली सुरतिया मतवाळी लगती है।
सामली पड़ौसन तीखो सुरमो सारे : सामने के घर पर जो पडोसन रहती है वह तीखा काजल (सूरमा) निकालती (सारना ) है।
ठुमका करती छम छम चाले : वह तो एड़ी के सहारे पांवों को बल देकर इठलाती/इतराती हुई छम छम करती हुई चलती है।
बा तो फुट्योड़ी सी म्हाने इक झारी लागे : बा-वह, फूट्योड़ी -फूटी हुई, खंडित, सी- की तरहा से, झारी-मटकी।
सामने जो पड़ोसन रहती है वह तीखा काजल लगाती है और इठलाती हुई चलती है। लेकिन मुझे (नायिका ) तो वह एक टूटा फूटा हुआ मटका लगती है।
उजड़ी सी म्हाने इक क्यारी लागे : मुझे तो वह एक उजड़ी हुई सी क्यारी लगती है। क्यारी-सब्जी, फूलों आदि को उगाने के लिए खेत में से एक छोटा हिस्सा, जिसे क्यारी कहते हैं।
थे भी तो बीने लुक छिप ताको : आप (पति) भी तो उसे (सामने वाली पड़ोसन) को छिप कर देखते हो, ताकते रहते हो। थे भी तो -आप भी तो, बीने -उसे, ताको-निहारते हो।
खिड़की खोल झुक झुक ताको : खिड़की खोल कर उसे झुक झुक कर देखते हो।
म्हाने सामली पड़ोसन कामणकारी लागे : मुझे तो सामने वाली पड़ोसन कामुक (अपने जाल में फँसाने वाली ) लगती है।
म्हे साहेब थाने लागूं हूँ पुराणी : मैं तो अब आपको पुरानी लगने लग गई हूँ।
इसी बातां मत कर सुण ले ऐ स्याणी : इस पर नायक कहता है की तुम सुनों, ऐसी बात मत करो, तुम समझदार हो। इसी बातां- ऐसी बातें, स्याणी- समझदार, विवेकशील।
तू तो म्हाने रूप की धिराणी लागे : तुम तो मुझको रूप की रानी लगती हो।
प्यारी प्यारी म्हारी घरआली लागे : मुझे तो तुम प्यारी प्यारी घरवाली लग रही हो।
मिसरी को बाग़ लगासा गोरि ए : आपके लिए गौरी, मिसरी का बाग़ भी लगाएंगे, लगास्या-लगाएंगे।
नीम की निम्बोली थाने खारी लागे : नीम की निमोली आपको (थाने) खारी लगती है।
Mishri Ko Baag Laga De Rasiya | Hit Rajasthani Song | Seema Mishra | Veena Music
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laage,
Khaari Laage Mhaane Khaari Laage,
Nim Ki Nimboli Mhaanen Khaari Laage,
Rang Rangila Mhaaraan Saaheb The To,
Thaanki Saanvali Surat Matavaali Laage,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laagai,
Misari Ko Baag Laga De Rasiya,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laage.
Saamali Padausan Tikho Suramo Saare,
Thumaka Karati Chham Chham Chaale,
Ba To Phutyodi Si Mhaane Ik Jhaari Laage,
Misari Ko Baag Laga De Rasiya,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laage.
Ujadi Si Mhaane Ik Kyaari Laage,
Misari Ko Baag Laga De Rasiya,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laagai,
Misari Ko Baag Laga De Rasiya,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laage.
The Bhi To Bine Luk Chhip Taako,
Khidaki Kholo Jhuk Jhuk Taako,
Mhaane Saamali Padosan Kaamanakaari Laage,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laage,
Misari Ko Baag Laga De Rasiya,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laage.
Mhe Saaheb Thaane Laagun Hun Puraani,
Isi Baataan Mat Kar Sun Le Ai Syaani,
Tu To Mhaane Rup Ki Dhiraani Laage,
Pyaari Pyaari Mhaari Gharaali Laage,
Misari Ko Baag Lagaasa Gauri Ai,
Nim Ki Nimboli Thaane Khaari Laage,
Mishari Ko Baag Laga De Rasiyaan,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laagai,
Misari Ko Baag Laga De Rasiya,
Nim Ki Nimboli Mhaane Khaari Laage.
Author - Saroj Jangir
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