जळ जमना रो पाणी कइयां ल्याऊं ओ रसिया लिरिक्स मीनिंग Jal Jamana Ro Paani Lyrics Meaning
जळ जमना रो पाणी,कइयां ल्याऊं ओ रसिया,
ल्याऊं ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी,
लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय,
जळ जमना रो पाणी,
कइयां ल्याऊं ओ रसिया,
ल्याऊं ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी,
लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
छोटोड़ी नणद म्हारी,
पाणी कोनी ल्यावै,
घरां बैठी जुगति लगावै,
ओ रसिया
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
सिर पर घड़लो,
घड़े पर मटकी
मटकी ऊपर कलसो,
कोनी चाले, ओ रसिया,
चाले ओ रसिया
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
ऊँची ऊँची पाळ,
घड़ो कोनी डूबे,
बीच में जाऊँ तो,
डर लागे ओ रसिया,
लागे ओ रसिया,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
जळ जमना रो पाणी,
कइयां ल्याऊं ओ रसिया,
ल्याऊं ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी,
लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय,
ल्याऊं ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी,
लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय,
जळ जमना रो पाणी,
कइयां ल्याऊं ओ रसिया,
ल्याऊं ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी,
लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
छोटोड़ी नणद म्हारी,
पाणी कोनी ल्यावै,
घरां बैठी जुगति लगावै,
ओ रसिया
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
सिर पर घड़लो,
घड़े पर मटकी
मटकी ऊपर कलसो,
कोनी चाले, ओ रसिया,
चाले ओ रसिया
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
ऊँची ऊँची पाळ,
घड़ो कोनी डूबे,
बीच में जाऊँ तो,
डर लागे ओ रसिया,
लागे ओ रसिया,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय।
जळ जमना रो पाणी,
कइयां ल्याऊं ओ रसिया,
ल्याऊं ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी,
लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारीं,
लुळ लुळ जाय,
यह एक राजस्थानी भाषा का लोकगीत है जिसमे नायिका अपने पति से संवाद करती है की मेरी तो कमर पतली है, नाजुक है मैं पानी कैसे भरकर लाऊँ। नाजुक कमर झुक झुक जाती है। लुळ -पतली होने के कारण बल पड़ना, झटका लगना। राजस्थानी लोकगीतों की यही तो अहम बात है कि वो एक व्यक्ति के भावों को बड़ी आसानी से व्यक्त कर देते हैं। राजस्थानी लोकगीतों की यही महत्वपूर्ण बात है कि वे संस्कृति और धरोहर से जुड़े हुए होते हैं।
जळ जमना रो पाणी, कइयां ल्याऊं ओ रसिया : जमना/यमुना का पानी मैं कैसे लेकर आऊं, आप ही बताओ मेरे रसिया (प्रिय).
छोटोड़ी नणद म्हारी, पाणी कोनी ल्यावै : मेरी छोटी ननद तो पानी भरने नहीं आती है, पानी नहीं भरती है।
घरां बैठी जुगति लगावै, ओ रसिया : वह तो घर पर बैठ कर ही विभिन्न तरह की युक्ति/चाल चलती है। वह पानी भरने का काम नहीं करना चाहती है।
सिर पर घड़लो, घड़े पर मटकी : सर पर घड़ा है और घड़े के ऊपर मटकी है।
मटकी ऊपर कलसो कोनी चाले, ओ रसिया : मटकी के ऊपर कलश (छोटा घड़ा) रखा है जो मुझे नहीं चलता है। मैं इतने सारे घड़े एक साथ लेकर नहीं चल सकती हूँ।
ऊँची ऊँची पाळ, घड़ो कोनी डूबे : सरोवर के ऊँची ऊँची पाल हैं, मुझसे किनारे से घड़े को डुबोया नहीं जाता है। पानी भरने के लिए पाल (चारों तरफ की दीवार) ऊँची है और मटके को डुबो कर भर पाना सम्भव नहीं है।
बीच में जाऊँ तो, डर लागे ओ रसिया : बीच में जहाँ पर पानी उथला नहीं है, गहरा है वहां अपर जाने से मुझको डर लगता है। इस प्रकार से नाज़ुक गौरी पानी लाने के लिए अपने पति से विनय करती है।
Jal Jamna Ro Pani | Popular Rajasthani Folk Song | Seema Mishra | Veena Music
Kaiyaan Lyaun O Rasiya,
Lyaun O Rasiya,
Patali Kamar Mhaari,
Lul Lul Jaay,
Patali Kamar Mhaarin,
Lul Lul Jaay,
Jal Jamana Ro Paani,
Kaiyaan Lyaun O Rasiya,
Lyaun O Rasiya,
Patali Kamar Mhaari,
Lul Lul Jaay,
Patali Kamar Mhaarin,
Lul Lul Jaay.
Chhotodi Nanad Mhaari,
Paani Koni Lyaavai,
Gharaan Baithi Jugati Lagaavai,
O Rasiya
Patali Kamar Mhaarin,
Lul Lul Jaay.
Sir Par Ghadalo,
Ghade Par Mataki
Mataki upar Kalaso,
Koni Chaale, O Rasiya,
Chaale O Rasiya
Patali Kamar Mhaarin,
Lul Lul Jaay.
unchi unchi Paal,
Ghado Koni Dube,
Bich Mein Jaun To,
Dar Laage O Rasiya,
Laage O Rasiya,
Patali Kamar Mhaarin,
Lul Lul Jaay.
Jal Jamana Ro Paani,
Kaiyaan Lyaun O Rasiya,
Lyaun O Rasiya,
Patali Kamar Mhaari,
Lul Lul Jaay,
Patali Kamar Mhaarin,
Lul Lul Jaay,
Author - Saroj Jangir
मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है, आप यहाँ पर पंजाबी भाषा के शब्द और उनके अर्थ के विषय में जान पायेंगे. इसके अतिरिक्त आप, पंजाबी डिक्शनरी, पंजाबी फोक सोंग, पंजाबी शब्द वाणी, और पंजाबी भजन का अर्थ भी खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |